मनीष ठाकुर। कुल्लू
जिला में बाहरी प्रदेशों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को क्वारंटीन का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। यह बात जिलाधीश डाॅ. ऋचा वर्मा ने शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन की अनुपालना के लिए जिला में कुल 1334 टीमों का गठन किया गया है। क्वारंटीन के लिए जिला के विभिन्न भागों में संभावित 898 स्थलों को चिन्हित किया गया है।
ग्रामीण स्तर पर गठित समितियों में नियुक्त चार सदस्यों में एक आशा अथवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या फिर स्थानीय अध्यापक होगा, जबकि तीन अन्य सदस्य गैर सरकारी संबंधित क्षेत्र होंगे। पंचायत स्तर पर समितियों में प्रधान, उपप्रधान, पंचायत सचिव समिति के सदस्य होंगे। समितियांे की निगरानी संबंधित खण्ड विकास अधिकारी करेंगे और एसडीएम को सूचित करेंगे।
डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की मेडिकल जांच तथा उसका पूरा विवरण जिला के प्रवेश द्वार बजौरा में स्थापित कोविड-19 सुरक्षा कवच में किया जा रहा है। कोई एक भी व्यक्ति जिला में बिना जांच के प्रवेश नहीं कर सकता।
व्यक्ति का विवरण संबंधित एसडीएम को भेज दिया जाता है, जो इसे आगे संबंधित पंचायत स्तर अथवा वार्ड स्तर की समिति को क्वारंटीन संबंधी निर्देशों सहित सूचित करता है। उन्होंने बताया कि जिला में गत 25 अप्रैल से शुक्रवार तक 668 लोग बाहरी राज्यों से आए हैं।
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900 व्यक्ति हैं क्वारंटीन में
उपायुक्त ने बताया कि जिला में कुल 900 व्यक्ति क्वारंटीन किए गए हैं। बाहरी राज्यों से जो भी व्यक्ति जिला में प्रवेश कर रहा है, उसे क्वारंटीन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन अवधि काट रहे व्यक्ति का सभी को सम्मान करना चाहिए। वह भी कोरोना योद्धा है, जो आईसोलेशन में रहकर अपने आप को, अपने परिवार को समाज को कोरोना वायरस से बचाने में मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को उसके पैतृक स्थान के समीप क्वारंटीन करने का निर्णय संबंधित समितियों द्वारा एसडीएम की अनुमति से लिया जा रहा है। क्वारंटीन का अर्थ है, व्यक्ति को पूरी तरह से आईसोलेशन में रखना। यदि व्यक्ति के पास अलग से मकान है और इसमें कोई अन्य व्यक्ति नहीं रहते हैं, तो उसे अपने घर में क्वारंटीन किया जा सकता है या फिर परिवार के अलावा अलग से फ्लोर है, तो वहां भी रह
सकता है।
क्वारंटीन में व्यक्ति को अपने परिवार के सदस्यों से भी बिल्कुल अलग रहना है। अपना अलग तौलिया और वाॅश रूम होना चाहिए। व्यक्ति के खाने-पीने की व्यवस्था भी अकेले में हो और बहुत सुरक्षित ढंग से बाहरी प्रदेशों से आए व्यक्ति को हर हालत में क्वारंटीन में जाना होगा और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
700 लोगों को भेजा गया जम्मू-कश्मीर
डाॅ. ऋचा वर्मा ने बताया कि जिला से अभी तक जम्मू-कश्मीर के 700 से अधिक लोगों को उनके राज्य को भेजा जा चुका है। अभी तक जम्मू-कश्मीर के इतने ही लोगों ने आवेदन किया है और यदि अन्य कोई और लोग भी जाना चाहे, तो उन्हें नियमानुसार भेजा जाएगा।
15000 से अधिक मजदूरों को मिला काम
उपायुक्त ने बताया कि जिला में मनरेगा के कार्यों ने गति पकड़ ली है और इसके अलावा अन्य सरकारी व निजी निर्माण कार्यों को भी शुरू किया जा चुका है। अभी तक 15000 से अधिक प्रवासी व स्थानीय मजदूरों को काम मिल चुका है। कार्यों की गति रफ्तार पकड़ रही है और अनेक अन्य लोगों को जो काम की तलाश में हैं, उन्हें रोजगार मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि कार्य करते समय सामाजिक दूरी को बनाए रखना, फेस कवर का इस्तेमाल करना तथा बार-बार साबुन से हाथ धोना अनिवार्य किया गया है और मनरेगा के सभी कार्यों की निगरानी संबंधित बीडीओ द्वारा की जा रहा है।