मनीष ठाकुर। कुल्लू
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन सीडीएसओ की जांच में देश के अलग-अलग राज्यों में निर्मित 59 तरह की दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं। इन सूची में हिमाचल के दवा उद्योगों में निर्मित 23 तरह की दवाएं भी शामिल है, जो दवाई गुणवत्ता के पैमाने पर खरी नहीं उतरी है। इनमें हाई बीपी, हृदय रोग, दर्द निवारक, एलर्जी, डायबिटीज, सर्दी जुखाम, संक्रमण, गैस्ट्रिक, बीपी के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं सहित हैंड सेनिटाइजर वह शैंपू शामिल है।
सीडीएसओ के अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट में इस बार हिमाचल के 12 उद्योगों में निर्मित 23 तरह के दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई है। इनमें से आधा दर्जन दवाएं अकेले सिरमौर के कलाम स्थित डिजिटल विजन उद्योग में निर्मित है। गत माह दवा के सेवन से बच्चों की मौत के मामले में सुर्खियों में रहे डिजिटल विजन फार्मा इंडस्ट्री को राज्य दवा नियंत्रण प्राधिकरण पहले ही कार्रवाई करते हुए सील कर चुकी है।
सीडीएसओ द्वारा जारी अप्रैल माह के ड्रग अलर्ट के बाद राज्य द्वारा नियंत्रण प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए तमाम संबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा संबंधित क्षेत्र के दौरा निरीक्षकों को उद्योग का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है।
जानकारी के मुताबिक सीडीएसओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में देश के विभिन्न राज्यों में निर्मित अलग-अलग कंपनियों के 59 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इसमें नामी कंपनियों में निर्मित दवा सम्मिलित है, देश की 59 दवाओं में 23 दवाएं हिमाचल के 12 उद्योगों में तैयार की गई है। यह उद्योग ऊना, नालागढ़, बद्दी, कालाअंब व पोंटा साहिब में स्थापित हैं। इसके अलावा उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली सहित अन्य राज्यों के दवा उद्योगों में निर्मित दवाओं के सैंपल भी फेल हुए हैं।
बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मार्च माह में देश भर के अलग-अलग राज्यों से 460 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 59 दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई, जबकि 491 दबाए गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई है। दवाओं के यह सैंपल सीडीएसओ के विभिन्न कार्यालयों द्वारा देश के अलग-अलग राज्यों से जांच के लिए जुटाए गए थे, जिनका सीडीएल की लैब में परीक्षण करवाया गया जहां 59 दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई इस बार लोक डाउन का असर सैंपल की तादाद पर भी पड़ा है।
पहले हर महीने एक हजार से ज्यादा सैंपल लिए जाते थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 460 के आसपास रहा। इसमें भी हिमाचल के सबसे ज्यादा सैंपल लिए गए राज्य दावा नियंत्रण अधिकारी के बद्दी स्थित डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं सब्सटेंडर्ड पाई गई हैं, उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं जबकि सिरमोर स्थित डिजिटल विजन फार्मा कंपनी गत महीने सील की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण गुणवत्तापूर्ण दवा निर्माण में पूरी एहतियात बरतरहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।