69 चैंपियन बेटियों को किया सम्मानित, मिनी मैराथन को भी दिखाई हरी झंडी

उज्जवल हिमाचल। हमीरपुर

विधायक कैप्टन रणजीत सिंह ने कहा है कि बेटियां समाज और मानवता की अमूल्य धरोहर होती हैं। अपनी समावेशी सोच, चुनौतियों को स्वीकारने और चुनौतियों में नऐ अवसर तलाशने की अद्भुत कला से इन्होंने समाज एवं मानवता को सदैव जीवंत एवं गतिमान बनाऐ रखा है। शुक्रवार को विकास खंड सुजानपुर की 22 पंचायतों एवं स्थानीय नगर परिषद से विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाली 69 चैंपियन बेटियों के लिए सुजानपुर के चौगान में आयोजित प्रेरक संवाद एवं सम्मान समारोह में बेटियों एवं उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए कैप्टन रणजीत सिंह ने ये विचार व्यक्त किए। यह संवाद एवं सम्मान समारोह महिला एवं बाल विकास विभाग ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत आयोजित किया।

कैप्टन रणजीत सिंह ने बेटियों को प्रेरित करते हुए उन्हें ग्रामीण विकास में सलाहकार, सहभागी और नऐ अवसरों का प्रणेता बनकर नऐ भारत के निर्माण का वाहक और नायक बनने का आह्वान किया। इससे पहले विधायक ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए मिनी मैराथन ‘रन फॉर डॉटर्स’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने युवा प्रतिभागियों से स्वतंत्र एवं समावेशी सोच अपनाने, चुनौतियों को स्वीकारने और चुनौतियों में अवसर तलाशने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खेल हमें मानसिक रूप से स्वस्थ एवं मजबूत बनाते हैं तथा नशे जैसी आदतों से दूर रखते हैं।


मिनी मैराथन के पुरुष वर्ग में अभिनव कुमार, अखिलेश कुमार और रोहित कुमार क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। महिला वर्ग में ऋषिका, मीनाक्षी और कनिका ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के दौरान एसडीएम डॉ. रोहित शर्मा ने युवा बेटियों से संवाद करते हुए कहा कि आज समाज को इनोवेटिव सोच और रचनात्मक नेतृत्व की आवश्यकता है।

इसमें बेटियां महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। एचडीओ डॉ. नूतन ने भी युवा बेटियों को बागवानी के क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं और अवसरों से अवगत कराया तथा उन्हें पौधारोपण जैसे सामुदायिक कार्यक्रमों का नेतृत्व करने हेतु प्रेरित किया। बाल संरक्षण इकाई से पर्यवेक्षण अधिकारी शशि कुमार और हब फॉर एंपॉवरमेंट ऑफ वीमेन की जिला समन्वयक कल्पना ठाकुर ने भी बेटियों का मार्गदर्शन किया। सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने स्वस्थ एवं समर्थ भारत के निर्माण में पोषण और सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की महत्ता से अवगत करवाया।