क्षेत्र के 85,685 मतदाता करेंगे प्रत्याशियाें का भविष्य तय

फतेहपुर में प्रशासन व चुनाव आयोग ने अपनी पूरी की तैयारियां

विनय महाजन। नूरपुर

फतेहपर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए फतेहपुर में प्रशासन व चुनाव आयोग ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली हैं। आज-कल चुनाव में काम करने वाले व मुलाजिमों को सभी मतदान केंद्रों पर वोट डलवाने के लिए रिहर्सल का काम भी लगभग संपन्न है। सिर्फ पार्टियों को रवाना करने काम शेष रह गया है। सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय रिजर्व फोर्सेज की ड्यूटीयां लग चुकी हैं तथा हिमाचल पुलिस इस उपचुनाव को शांति प्रिय ढंग से करवाने हेतु जनता के साथ तालमेल बनाए हुए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर ने अभी तक अपनी पकड़ कायम रखी हुई हैं। फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में 85685 कुल मतदाता है, जिनमें 43158 पुरूष व स्त्री मतदाता 42527 है।

आज शाम चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। फिर डोर-टू-डोर काम चलेगा 1982 में डॉ राजन सुशांत ने फतेहपुर सीट जिसका पहला नाम जवाली विधानसभा क्षेत्र था। भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था, तब से लेकर 2007 तक चुनाव भाजपा से लड़ते रहे सुजान सिंह पठानिया ने पहला चुनाव आजाद प्रत्याशी के रूप में 1977 मे जवाली सीट से लड़ा था, कांग्रेस पार्टी में उनकी एंट्री तब हुई, जब शांता कुमार की सरकार आया राम-गया राम के कारण टुट गई। 2008 में परिसीमन के बाद इस विधानसभा क्षेत्र का नाम फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र हो गया। युवा मतदाताओं के पास बेरोजगारी का मुद्दा है। चुनाव की हार जीत में युवा मतदाताओं की भूमिका इस उपचुनाव में विशेष रहेगी।

कांग्रेस प्रत्याशी पठानिया भीतरी तौर पर पिता की गद्दी को बचाने के लिए डोर-टू-डोर युवाओं को इस विषय में आश्वासन दे रहे हैं। उधर, लोगों में भाजपा लोकसभा सासंद किशन कपूर का उपचुनाव में न आना भी भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता हैं। भाजपा का वोट तीन खेमों में वट चुका है। इस उपचुनाव में सुशांत परमार व ठाकुर का वोट बैंक फतेहपुर इस बार निर्वाचित विधायक की तस्वीर तय करेगा। उधर, फोरलेन संघर्ष समिति के पीड़ितों ने भी हिमाचल में हो रहे उपचुनाव में राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ कार्रवाई आरंभ कर दी है। डोर-टू-डोर जाकर भाजपा को वोट न देने की अपील कर रहे हैं।

सियासी पार्टियां मतदाताओं को रिझाने के लिए शराब का प्रयोग नई-नई तकनीक से कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी को लेकर मतदाताओं को रिझाने में जुटी है, लेकिन मतदाताओं की खामोशी चुप्पी साधे हुए हैं। सत्ता पक्ष भी नब्ज़ टटोलने में लगा है, विकास के नाम पर वोट मांग रहा है। दोनों सियासी पार्टियों के दिग्गज नेता इस उपचुनाव में आजाद प्रत्याशी डॉ सुशांत के खिलाफ कोई खास भाषणबाजी नहीं कर रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने फतेहपुर के विकास मे रोड़ा डालने वाले जयराम ठाकुर की सरकार के दो कैबिनेट कांगड़ा के मंत्रियों को दोषी ठहराया, जिसके कारण फतेहपुर से मुख्य दफ्तर उठे, जिन्होंने कैबिनेट बैठक में चुप्पी साधे रखी। आज किस मुख से फतेहपुर में वोट मांग रहे डॉ सुशांत आज भी दूसरे नंबर पर खड़े हैं। भाजपा-कांग्रेस भीतरघात से ग्रस्त हैं, जबकि सुशांत के लिए कोई भीतरघाती नहीं है।