उमेश भारद्वाज। मंडी
जिला मंडी के उपमंडल बल्ह के तहत एचआरटीसी सुंदरनगर के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण विद्यार्थी अपने स्कूलों तक नहीं पहुंच पाए। आज स्कूल खुलने के पहले ही दिन घर से अपने स्कूल के लिए निकले बच्चों को एचआरटीसी की लापरवाही के कारण अपने घरों को वापिस लौटना पड़ा। वहीं, कुछ बच्चे लगभग 3 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर कपाही तक पहुंचे और कपाही से सुंदरनगर के लिए दूसरी बस में बैठकर अपने स्कूल पहुंचे। मामला बल्ह उपमंडल की ग्राम पंचायत लुहाखर का है, जहां सोमवार को सुबह 8 बजे झोर से सुंदरनगर के लिए एचआरटीसी के द्वारा बस नहीं भेजी गई।
इस कारण काफी देर बस का इंतजार करने के बावजूद बच्चों को बस उपलब्ध नहीं होने के कारण वापस अपने घरों को लौटना पड़ा। बता दें कि एक फरवरी से प्रदेश शिक्षा विभाग स्कूलों में कुछ कक्षाओं के लिए पढ़ाई शुरु करवा रहा है। कोरोना की वजह से बहुत सारे बसों के रूट बंद कर दिए गए थे, लेकिन अब शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को दोबारा शुरू करवाने के साथ-साथ उन सभी रूट के ऊपर बच्चों के लिए बसों की मांग बढ़ गई है। क्षेत्र में प्राइवेट स्कूलों के लिए तो स्कूलों की बसें चलती है, लेकिन सरकारी स्कूलों के लिए एकमात्र सहारा एचआरटीसी ही हैं।
उपप्रधान ग्राम पंचायत लुहाखर यशवंत ने कहा कि स्कूल खुलने के निर्णय के बाद क्षेत्रीय प्रबंधक सुंदरनगर से बात की गई थी और साथ ही ई-मेल के माध्यम से भी मांग उनको भेजी थी। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर एक तारीख से जैसे स्कूल शुरू होने पर बस सुचारू रूप से चलना शुरू होने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बस नहीं आने के कारण बच्चे पैदल ही झोर से कपाही पहुंच गए और कपाही से सुंदरनगर के लिए दूसरी बस लेना पड़ी। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे निराश घर को लौट आए इससे अभिभावकों में भारी आक्रोश है।
झोर गांंव से सुंदरनगर में जमा दो कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने कहा कि झोर के लिए सुबह 8 बजे वाली बस नहीं आई है, जिस कारण स्कूल खुलने के पहले ही दिन परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इससे स्कूल के लिए लेट हो जाने के कारण घर वापिस जाना पड़ रहा है। मामले पर हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपू सुंदरनगर के आरएम विनोद ठाकुर ने कहा कि सोमवार को सुबह 8 बजे के समय पर बस नहीं भेजी गई थी। उन्होंने कहा कि स्कूल
खुलने को लेकर कार्यालय में अधिसूचना प्राप्त नहीं हुई है। कल से स्कूलों की समयसारिणी के अनुसार बसों को भेजा जा रहा है।