पालमपुरः- चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान और कृषि प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान और एडवांटा सीड्स, यूपीएल लिमिटेड हैदराबाद के साथ सहयोग करेगा।
कुलपति प्रो एच.के.चौधरी ने यह खुलासा अपने हैदराबाद में भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, राजेंद्रनगर का दौरा करने के दौरान किया। उन्होंने बताया कि भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (आई.आई.आर.आर) प्रमुख भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद है।
कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी ने आई.आई.आर.आर के निदेशक डॉ. आर एम सुंदरम और विभागाध्यक्षों और वैज्ञानिकों के साथ चावल अनुसंधान और संबंधित गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
डॉ. सुंदरम ने कुलपति को अनुसंधान, किस्मों और प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी दी। कुलपति ने डॉ सुंदरम को चावल के क्षेत्र में अनुसंधान सहयोग पर चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के साथ हाथ मिलाने का प्रस्ताव दिया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
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कुलपति ने एडवांटा सीड्स, यूपीएल लिमिटेड हैदराबाद का भी दौरा किया और कृषि फसलों पर उनकी प्रयोगशालाओं, पॉलीहाउस, अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं का दौरा किया। उन्होंने एडवांटा सीड्स के अधिकारियों और वैज्ञानिकों के साथ विस्तृत बातचीत की।
डॉ. शशिकांत कुलार्णी, प्रमुख, यूपीएल, दक्षिण एशिया क्षेत्र और अन्य वैज्ञानिकों ने प्रोफेसर चौधरी को उनके यहां आने और डबल हैप्लोइड प्रौद्योगिकी पर उनके प्रसिद्ध शोध कार्य सहित अपने विचारों को साझा करने के लिए धन्यवाद दिया।
कुलपति ने डॉ. कुलकर्णी को विश्वविद्यालय के साथ उपलब्ध सुविधाओं और एडवांटा सीड्स का लाभ उठाने के लिए विश्वविद्यालय के साथ हाथ मिलाने के प्रस्ताव के साथ पालमपुर आमंत्रित किया। कुलपति ने भारत और विदेशों में कृषि और कृषि प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए ऐसा उद्यम स्थापित करने के लिए डॉ. कुलकर्णी को बधाई दी।
दोनों संस्थानों के अपने दौरे के दौरान प्रोफेसर चौधरी के साथ अनुसंधान निदेशक डा. एस.पी. दीक्षित, विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्र बजौरा के सह निदेशक डा. विनोद शर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. पंकज सूद भी साथ रहे।