उज्जवल हिमाचल। पालमपुर
चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एचके चौधरी (Vice Chancellor Prof. HK Choudhary) के साथ भारतीय सेना के मेजर जनरल एस एस सलारिया, विशिष्ट सेवा मेडल (वाईएसएम प्रभारी प्रशासन, उत्तरी कमान ने विचार-विमर्श किया।
मेजर जनरल सलारिया (Major General Salaria) ने कुलपति से विश्वविद्यालय में पूर्व सैनिकों, विशेष रूप से वीर नारी (युद्ध विधवाओं) और उनके आश्रितों के लिए अल्पकालिक व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की संभावना तलाशने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक हिमाचल प्रदेश में रहते हैं।
उन्हें कौशल वृद्धि प्रशिक्षण की आवश्यकता है ताकि वे आय उत्पन्न करने के लिए छोटे उद्यम शुरू कर सकें। उन्होंने आस-पास की छावनियों में अच्छा ईको सिस्टम विकसित करने में विश्वविद्यालय से मदद मांगी।
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प्रो. चौधरी ने सेना के जवानों की वीरता और राष्ट्र के लिए बलिदान की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय पूर्व सैनिकों, वीर नारी और आश्रित बच्चों के कौशल को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कृषि और संबद्ध व्यवसायों में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रमुख संभावनाओं की जानकारी दी। प्रोफेसर चौधरी ने कहा कि पूरे राज्य में किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए गति, सटीकता और संचार रणनीति तैयार की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि एक क्षेत्रीय किसान मेला अप्रैल के मध्य में करने की योजना बनाई गई है।
सेना के राशन में मोटे अनाजों की उपयोगिता, दूध और दुग्ध उत्पादों, राजमाश की स्थानीय किस्मों, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, नर्सरी तैयार करने, फार्म मशीनीकरण, घर के खाली भाग में मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में डाह डिविजन के कर्नल आशुतोष, मेजर प्रशांत और विश्वविद्यालय के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के उपरांत सैन्य अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का भी दौरा किया।