उज्जवल हिमाचल। पठानकोट
पेड़-पौधे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। पेड़ और जंगल हमारे मित्र हैं। पेड़ों पर पक्षियों के घोंसले और घोंसलों में पक्षियों के चहकने से वीरान जीवन में संगीत भर जाता है। हमारे जीवन के लिए शुद्ध हवा आवश्यक है, जो हमें पेड़ों और हरी वनस्पतियों से मिलती है। हमारी दुनिया पेड़ -पौधों तथा झाड़ियों के साथ ही जीवित है और पेड़-पौधे ही पर्यावरण के रक्षक होने के साथ उनको स्वच्छ भी बनाते हैं। इसके बिना कोई भी अपने जीवन की संभावना नहीं कर सकता है। उक्त बाते अमन भल्ला ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. पूजा ओहरी ने कही।
सभी लोगों को पेड़-पौधों को लगाने के लिए आना चाहिए आगे
मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. पूजा ओहरी ने कहा कि सभी लोगों को पेड़-पौधों को लगाने के लिए आगे आना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का अंग है, परंतु मानव में अपने स्वार्थ के लिए प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की प्रवृत्ति ने पर्यावरण संकट की नई चुनौती को जन्म दिया है। कोविड-19 महामारी ने हमें साफ हवा की कीमत समझा दी है। पर्यावरण संरक्षण के निमित्त आमजन का सहयोग अनिवार्य हो गया है। आज मानव को हरित मानसिकता विकसित करने की आवश्यकता है। दैनिक कार्यों में प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग किया जाए, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। घरों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जाना चाहिए।
शारीरिक श्रम से काम करना समाज की सेवा है
मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. पूजा ओहरी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का समाधान तभी संभव है जब इसके बारे में सोचा जाए। प्रशासन का सहयोग आवश्यक है, लेकिन केवल इसके भरोसे ही बैठे रहने से बेहतर है कि युवा आगे बढ़ें और अपने स्तर पर संभव प्रयास करें। शारीरिक श्रम से काम करना समाज की सेवा है और इस सेवा के लिए सदैव तत्पर रहें। जलवायु को बेहतर बनाना है तो हवा, पानी और पेड़ सभी का रक्षण व संरक्षण करना होगा। भविष्य की पीढ़ी के लिए जल की उचित आपूर्ति के लिए हमें पानी को बचाने की जरूरत है। पानी के साथ-साथ हमें बरसात के मौसम में ज्यादा से ज्यादा पौधे भी लगाने चाहिए। बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी को पौधारोपण करना अपना दायित्व समझना चाहिए और इस के लिए सभी को जागरूक करना चाहिए ताकि सभी मिलकर पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सके।