आर्ट ऑफ लिविंग ने सहभागियों के लिए किया सत्संग का आयोजन

उमेश भारद्वाज। मंडी

आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से मिशन जिंदगी और आयुष घर द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें आर्ट ऑफ लिविंग को आयुष मंत्रालय का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसके अंतर्गत जिला मंडी आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा सभी सहभागियों के लिए सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 300 लोग वर्चुअल माध्यम से जुड़े। सुशांत व मंजू भारद्वाज के मधुर भजनों को सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। इसमें स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल और उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर भी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने आर्ट ऑफ लिविंग की सराहना करते हुए सभी से आग्रह किया कि सब लोग आयुर्वेद को अपनाएं और योग को अपनाकर अपने आप को स्वस्थ रखें। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने बच्चों को भी योग से जोड़ना होगा, ताकि योग उनकी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन जाए और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर वह हमेशा स्वस्थ रहें। सेजल ने कहा कि वे योग दिवस 21 जून को आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर को भी आमंत्रित करने के बारे में सोच रहे हैं, ताकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व और रविशंकर के साथ योग दिवस को हिमाचल वासियों के साथ मनाया जा सके।

ऋग्वेद ठाकुर उपायुक्त मंडी ने आर्ट ऑफ लिविंग की सराहना करते हुए कहा कि जब भी प्रशासन को किसी भी तरह के सहयोग की आवश्यकता हुई, तो संस्था ने उन्हें पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय के इस कार्यक्रम की सराहना की और बताया कि विभाग द्वारा इतना सुंदर कार्यक्रम चलाया गया है, जिससे कोविड मरीजों को ठीक होने में बहुत सहायता मिली। इस मौके पर जिला आयुर्वेदिक ऑफिसर गोविंद राम शर्मा भी उपस्थित रहे और उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य मंत्री व उपायुक्त मंडी को धन्यवाद दिया।

उन्होंने बताया कि कोविड से ग्रसित बहुत सारे लोगों को इस कार्यक्रम से बहुत ही लाभ मिला है और वह अपने आप को सकारात्मक बनाए रखने और बीमारी को मात देने में सक्षम हो पाए हैं। आर्ट ऑफ लिविंग से रितू खरबंदा ने आर्ट ऑफ लिविंग परिवार की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री उपायुक्त मंडी व जिला आयुर्वेद विभाग को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा द्वारा चलाए जा रहे हैं, जो भी लोग इस समय किसी भी तरह के नकारात्मकता से ग्रसित हैं, वह इन कार्यक्रमों को जिससे जुड़ कर लाभान्वित हो सकते हैं।