उज्ज्वल हिमाचल। पालमपुर
गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज, राजपुर में “कृषि में उद्यमिता और रोजगार के अवसर“ विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रगतिशील कृषि उद्यमी सुरेश चौधरी रहे। कृषि विभाग से डिप्टी डायरेक्ट एग्रीकल्चर डॉ. कुलदीप सिंह धीमान, सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट डॉ. नगेंद्र नाग और एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ऑफिसर डॉ. अंकित पठानिया भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को कृषि व्यवसाय से जोड़ना था। कृषि उद्यमी सुरेश चौधरी ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि कैसे आज के युवा अपने कृषि व्यवसाय से ही अच्छी आजीविका कमा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अपनी शिक्षा का लाभ लेते हुए खेती को केवल परंपरागत तरीके से नहीं, बल्कि एक उन्नत और लाभकारी व्यवसाय के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा आपको कल्टीवेशन, वैरायटी और ब्रांडिंग की सही जानकारी देती है और कृषि में ये बहुत उपयोगी है ताकि अपनी फसल को एक ब्रांड की तरह स्थापित किया जा सके। कॉलेज के निदेशक व प्रधानाचार्य डॉ. विवेक शर्मा ने कहा कि आज के समय में कई युवा विदेशों और बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनियों को छोड़कर खेती-बाड़ी को अपना रहे हैं बेहतर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को खेती को एक सफल व्यवसाय बनाने के लिए प्रेरित किया। डिप्टी डायरेक्ट एग्रीकल्चर डॉ. कुलदीप सिंह धीमान ने महाविद्यालय के प्रधानाचार्य का कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि आज के युवा खेती से दूर हो रहे हैं, लेकिन अगर वे नई तकनीक, ग्रीनहाउस तकनीक, वर्मीकम्पोस्टिंग और जैविक खेती अपनाएं, तो वे खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकते हैं। डॉ. नगेंद्र नाग ने छात्रों को स्किल डेवलपमेंट और सरकार द्वारा किसानों को कई योजनाओं और अनुदानों की जानकारी दी और कृषि को एक सफल स्टार्टअप के रूप में अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के इग्नू कोऑर्डिनेटर डॉ. ध्रुवदेव, इतिहास विभागाध्यक्ष सहायक प्राध्यापक सुमन कुमार, कल्चर सेल कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार, और बीबीए विभाग कोऑर्डिनेटर अनुराग शर्मा और हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पी ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कृषि से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने प्रश्न रखे, जिनका विशेषज्ञों ने समाधान प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को कृषि क्षेत्र में करियर और उद्यमिता के लिए प्रेरित करना था।