उज्जवल हिमाचल। मंडी
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान छोटी काशी मंडी के सुप्रसिद्ध बाबा भूतनाथ मंदिर में देश के अलग-अलग शिव स्वरूपों में बाबा भूतनाथ का मखन से श्रंगार किया जाता है। इसी कड़ी में बुधवार को बाबा भूतनाथ का अरुणाचलेशवर के रुप में श्रंगार किया गया। मंदिर के पुजारी देवानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार जब माता पार्वती ने चंचलतापूर्वक भगवान शिव से अपने नेत्र बंद करने के लिए कहा तो उन्होंने अपने नेत्र बंद कर लिए और इस कारण पूरे ब्रह्मांड में कई हजारों वर्षों के लिए अंधकार छा गया।
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इस अंधकार को दूर करने के लिए भगवान शिव के भक्तों ने कड़ी तपस्या की, जिसके कारण महादेव अन्नामलाई की पहाड़ी पर एक अग्नि स्तंभ के रूप में दिखाई दिए। इसी कारण यहां भगवान शिव की आराधना अरुणाचलेश्वर के रूप में की जाती है और यहां स्थापित शिवलिंग को भी अग्नि लिंगम कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सुबह से ही बाबा के इस स्वरूप को देखने के लिए भक्तों का तांता लगा है और लोग अपनी आस्था बाबा के समक्ष अर्पित कर रहे हैं।