बीबीसी डॉक्यूमेंट्री औपनिवेशिक मानसिकता के पिछलग्गूपने और हीनताबोध का प्रतीक: ABVP

डॉक्यूमेंट्री के बहाने शिक्षण संस्थानों में अराजकता का माहौल पैदा करने का काम कर रहे वामपंथी

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री औपनिवेशिक मानसिकता के पिछलग्गूपने और हीनताबोध का प्रतीक: ABVP

उज्जवल हिमाचल। शिमला
वर्तमान में भारत, जी-20 की अध्यक्षता की महत्त्वपूर्ण भूमिका में है। विभिन्न क्षेत्रों में आधारभूत परिवर्तनों से जनाकांक्षाओं को मूर्त रूप मिल रहा है। इस तरह की स्थिति में, हाल ही में आई पक्षपातपूर्ण, भारत के शीर्ष नेतृत्व पर आधारहीन आक्षेपों से युक्त बीबीसी डाक्यूमेंट्री औपनिवेशिक पिछलम्पूपने तथा आधारहीन झूठे पुलिंदों का प्रतीक मात्र है।

इस डॉक्यूमेंट्री के संदर्भ में कुछ विपक्षी दलों के नेता तथा तथाकथित बुद्धिजीवी भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित कर निम्न स्तरीय व्यवहार के कुत्सित प्रयासों में संलिप्त हो रहे हैं, जो कि निंदनीय है।

भारतीय न्याय व्यवस्था ने गुजरात दंगों के विषय पर स्पष्ट निर्णय दिया है तथा लोकतांत्रिक ढंग से जिसपर तथ्याधारित विचारों ने स्थिति को पूर्णतया स्पष्ट कर दिया है, उस स्थिति को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयास करती है। कुछ शैक्षणिक संस्थानों में असामाजिक तथा हुड़दंगियों द्वारा अवैध ढंग से इस डॉक्यूमेंट्री को प्रस्तुत करने के असफल प्रयास हो रहे हैं।

इस बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की तथ्यहीनता तथा प्रोपेगेंडा प्रवृत्ति के कारण ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी अस्वीकार्यता प्राप्त हुई। भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में इस डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने के प्रयास, औपनिवेशिक मानसिकता के कारण उपजे हीनता बोध तथा हताशा का प्रतीक हैं।

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अभाविप के इकाई अध्यक्ष करण भटनागर ने कहा कि, “गुजरात दंगों पर सबकुछ भारतीय न्याय व्यवस्था द्वारा साफ कर दिए जाने के बावजूद विदेशी ताकतों द्वारा भ्रमपूर्ण स्थिति बनाने तथा विदेशी मीडिया ट्रायल की कोशिशें बंद होनी चाहिए। भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में कुछेक छात्र संगठन तथा असामाजिक तत्व इस मामले में भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित करने के असफल प्रयास कर रहे हैं।

इस तरह के औपनिवेशिक पिछलग्गूपने की स्थिति पर रोक लगना नितांत आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई द्वारा ऐसे ही एक असफल प्रयास डॉक्युमेंटरी दिखाने का किया जा रहा है। ऐसे अनेकों प्रयास पूरे देश में प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में ऐसे वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा किया जा रहा है, साथ ही साथ शिक्षण संस्थानों में हिंसा फैला कर शिक्षा का माहौल खराब किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह भारत की छवि को खराब करने का एक वैश्विक षडयंत्र रचा जा रहा है, और इस षडयंत्र मे हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन मूकदर्शक बनी बैठी है। इकाई अध्यक्ष करण ने कहा की ऐसी देश विरोधी ताकतें जब भी भारत विश्व का प्रतिनिधित्व करता है, तब देश मे अराजकता का माहौल पैदा करते है। इसीलिए ऐसी विदेशी विचारों का बहिष्कार समस्त छात्र समुदाय व देशवासियों को करना चाहिए।

संवाददाताः ब्यूरो शिमला

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