Breaking: कांग्रेस के सभी पदों से आश्रय शर्मा ने दिया इस्तीफा

चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को एक और जोरदार झटका लगा हैं।

मंडीः हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को एक और जोरदार झटका लगा हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते और मंडी सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के साथ सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। शुक्रवार को मंडी जिला मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता में यह घोषणा आश्रय शर्मा ने की। आश्रय शर्मा द्वारा अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भी भेज दिया है।

बता दें कि इससे पूर्व सदर विधायक अनिल शर्मा ने 3 वर्षों तक भाजपा से दूरियां बनाने के बाद विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मंडी में सीएम जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप की मौजूदगी में परिवार सहित पार्टी में वापसी करने की घोषणा की थी। इससे कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे आश्रय शर्मा जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बेशक आश्रय शर्मा द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया गया है, लेकिन अभी भी उन्होंने भाजपा में शामिल होने की घोषणा नहीं की गई है।
आश्रय शर्मा ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, विक्रमादित्य सिंह,वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर पर भी जोरदार जुबानी हमला बोला है। इससे प्रदेश में वीरभद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बीच चर्चित राजनितिक विवाद अब अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होता नजर आ रहा है। आश्रय शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनकर रह गई है।
आश्रय शर्मा ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि कौल सिंह ठाकुर द्वारा उनसे सवाल करने का राजनीतिक कद नहीं है। उनके पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम से जिन कारणों को लेकर मतभेद रहे होंगे उनके बारे में उन्हें ही पता होगा। लेकिन आश्रय शर्मा का विरोध केवल पंडित सुखराम का पोता होने के कारण कौल सिंह ठाकुर द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी कांग्रेस नेता के खिलाफ ना ही कुछ बोला है और ना ही कार्य किया है।
आश्रय शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सराहना कहा कि प्रदेश में पहले भी सरकारें रही हैं। लेकिन बीते 5 वर्षों के कार्यकाल में जयराम ठाकुर ने बतौर मुख्यमंत्री ईमानदारी से कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला को मुख्यमंत्री के तौर पर दी गई महालक्ष्मी की कुर्सी को बचा कर रखना है। इसके साथ विधानसभा चुनावों में मिलकर कार्य किया जाएगा और जिला मंडी की 10 विधानसभा क्षेत्रों में बराबर विकास किया जाएगा।

 

संवाददाताः उमेश भारद्वाज।

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