उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की सबसे अधिक आबादी वाली पंचायत बरड़ा के लिए चार दिनों से एक मात्र नियमित वस सेवा नदारद होने से बरड़ा व रिट पंचायतों के लोगों में सम्बंधित विभाग की अफसरशाही के खिलाफ जनहित में रोष पाया गया है। यह जानकारी क्षेत्र के सीनियर सिटीजन व पंचायत के निवासी संजय बलविंदर सोहन सिंह इत्यादि ने देते हुए बताया कि नूरपूर विधानसभा क्षेत्र की ये पंचायतें सवसे आवादी वाली पंचायतें हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि मुख्य सड़क पक्का टियाला तथा जसूर तक आने जाने के लिए दो महीनों से वर्तमान में एक मात्र वस सेवा भी पिछले चार दिनों से बिल्कुल बन्द होने से जनसमुदाय को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों का यह भी कहना है कि इस क्षेत्र के लिए सम्बंधित विभाग ने दो निजी बसों को रूट परमिट मंजूर किए होने के बावजूद भी लोगों को सरकार की इस सुविधा का लाभ सिर्फ कागजों में मिल रहा है लेकिन धरातल पर जनहित को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
आखिर इस मामले में सम्बंधित विभाग भी धरातल पर कोई भी विजिट इस मामले में कर सका हो। नियमानुसार सम्बंधित विभाग जो भी रूट मंजूर करता है उसका फर्ज है कि वह रुट धरातल पर चल रहा है कि नहीं। ऐसे अनेकों सवाल जनता की जुबान पर इस विषय में सुक्खू सरकार की व्यवस्था परिवर्तन पर इंगित कर रहे हैं। उधर, कुछ समाजिक संस्थाओं का इस मामले में यह कहना भी है कि करोना काल समाप्त हो गया लेकिन रविवार को निजी व हिमाचल पथ परिवहन निगम की स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों में आगाजाही करने वाली वैसे वन्द होने से हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की जनता अक्सर रविवार को परेशान नजर आ रही है और सम्बंधित विभाग जनहित में मूकदर्शक बने हुए हैं।
प्रदेश में मौजूदा सरकार दो साल पूरे करने जा रही है लेकिन जन हित में यह मामला केविनेट भी सरकारी तंत्र नहीं अभी तक रख पाया है। इस मामले में भाजपा विधायक रणवीर सिंह निक्का नूरपूर का कहना है कि नूरपूर विधानसभा क्षेत्र के हर नागरिक की समस्या का समाधान करना ही मेरा फ़र्ज़ है। इसका समाधान जनहित में करने हेतु विधानसभा में यह प्रश्न किया जायेगा और सरकार को जागरूक किया जाएगा करोना काल देश व प्रदेश में समाप्त हो गया लेकिन रविवार को निजी व हिमाचल पथ परिवहन निगम की वसो को सरकार जनहित में अभी तक आरम्भ नहीं कर सकी। सरकार की व्यवस्था परिवर्तन का उदाहरण नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है जिसमें सता पक्ष भी पीड़ित हैं।
संवाददाताः विनय महाजन