क्राफ्ट मेले में चम्बा रुमाल का धमाल, बना आकर्षण का केंद्र

Chamba Rumal rocked in the Craft Fair, became the center of attraction
चंबा रुमाल का सबसे पुराना रूप 16 वीं शताब्दी में गुरु नानक की बहन बेबे नानकी ने था बनाया

शिमला : शिमला के रिज मैदान पर लगा क्राफ्ट मेला स्थानीय लोगों के साथ ही सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सबसे ज्यादा चम्बा रुमाल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दुनिया में सबसे महंगा रुमाल चंबा रुमाल ही है। जिसकी कीमत लाखों में जाती है। कहा जाता है कि इस रुमाल का सबसे पुराना रूप 16 वीं शताब्दी में गुरु नानक की बहन बेबे नानकी द्वारा बनाया गया था। जो वर्तमान समय में होशियारपुर के गुरुद्वारे में संरक्षित रखा गया है।

 

रुमाल को बनाने वाली इंदु शर्मा और सुनीता ठाकुर बताती हैं कि इन महंगे रुमाल को बनाने के लिए 6 मास तक लग जाते हैं। चंबा रुमाल की कारीगर इंदु शर्मा ने बताया कि रुमाल पर चंबा के एतिहासिक मणिमहेश यात्रा को दर्शाया गया है। इसके अलावा कपड़े पर बारीकी से महाभारत, रामायण, कृष्ण लीला व हिमाचल की संस्कृति को भी दर्शाया जाता है। चंबा रुमाल की कीमत लाखों होती है लेकिन रिज मैदान पर लगे चंबा के एक रुमाल की कीमत 250 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक है।

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विक्टोरिया अल्बर्ट संग्रहालय, लंदन में भी चंबा रुमाल रखा गया है जो 1883 में राजा गोपाल सिंह द्वारा अंग्रेजों को उपहार में दिया गया था। इस रुमाल में महाकाव्य महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध का एक कशीदाकारी दृश्य बनाया गया है। 17वीं शताब्दी से शाही परिवार के सदस्य व तत्कालीन रियासत की महिलाएं ही शादी के तोहफे या दहेज के रूप में देने के लिए चम्बा रूमालों की कढ़ाई करती थीं। इस रुमाल का सबसे पुराना रूप 16वीं शताब्दी में गुरु नानक की बहन बेबे नानकी द्वारा बनाया गया है, जो अब होशियारपुर के गुरुद्वारे में संरक्षित है। लेकिन ये कला 18वीं व 19वीं में काफी फली फूली।

संवाददाता : ब्यूरो शिमला

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