छोटे और सीमांत किसानों के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली हिमाचल में वरदान: प्रो. नवीन कुमार

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को दो प्रौद्योगिकी प्रमाण पत्र

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर और आईआईएफएसआर), मोदीपुरम द्वारा दो प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। ये प्रमाण पत्र 2-5 दिसंबर, 2024 तक पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में आयोजित एकीकृत कृषि प्रणाली पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की द्विवार्षिक कार्यशाला के दौरान कृषि विश्वविद्यालय को प्रदान किए गए हैं। कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने प्रमुख डेवलपर डॉ. एस.सी. नेगी और टीम के सदस्यों डॉ. पवन पठानिया और डॉ. संजय के. शर्मा को विश्वविद्यालय में सस्य विज्ञान विभाग के तहत नवीन तकनीकों को विकसित करने में उनके अनुकरणीय कार्य के लिए हार्दिक बधाई दी।

उन्होंने उनके अथक प्रयासों, वैज्ञानिक कौशल और कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को स्वीकार किया, जिसने संस्थान को प्रतिष्ठा दिलाई है। प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि ऐसी उपलब्धियां विश्वविद्यालय की कृषि संबंधी चुनौतियों को हल करने में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता को दर्शाती हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में एकीकृत कृषि प्रणाली पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना 2010 से चालू है। चूंकि राज्य में अधिकांश किसान छोटे और सीमांत हैं, एकीकृत कृषि प्रणाली में इन छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका को बनाए रखने के लिए फसल उत्पादन और बागवानी के अलावा पशुपालन/ बकरी पालन/ मुर्गी पालन/ मछली पालन/ मशरूम की खेती जैसे दो या दो से अधिक घटकों को शामिल किया जाता है। एकीकृत कृषि प्रणाली को अपना कर प्रदेश छोटे और सीमांत किसान अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट पालमपुर

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