विकास के दावों की पोल खोलता बद्दी का चुनरी गांव, यहां पुल न होने से ग्रामीण परेशान

सुरिंद्र सिंह सोनी। बद्दी

आजादी के बाद सिर्फ आश्वासन के भरोसे ही जी रहे बद्दी की मलपुर पंचायत के चुनरी गांव के ग्रामीण सरसा नदी पर पुल ना होने के चलते हर साल बरसात के दिनों में गांव वालों का शहर से टूट जाता है। जिसके चलते सरसा नदी को रोजाना किसान मजदूर महिला व स्कूल के बच्चे खतरा उठा कर पार करते हैं हादसे को न्योता देने वाला यह रास्ता लोगों के लिए काल बन हुआ है। ग्रामीण गीता देवी गुरचरण सिंह व सतनाम सिंह का कहना है कि चुनाव आते ही नेताओं को गांव की याद आने लगती है।

चुनाव जीतने के बाद नेता ग्रामीणों व उनकी समस्याओं को भूल जाते हैं। उनका कहना है कि इस बार के पंचायत चुनावों में भी गांव के लोगों द्वारा चुनावों का बहिष्कार किया गया था मगर नेताओं और प्रत्याशियों के बार-बार आग्रह और आश्वासन के बाद लोगों ने चुनावों में भाग लिया पर चुनाव जीतने के बाद प्रधान द्वारा सिर्फ 80 हजार रुपए की राशि अस्थाई पुल के लिए दी गई जिसके बाद प्रधान द्वारा एक बार भी इसकी सुध नहीं ली गई ग्रामीणों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अगर उनके गांव का पुल तैयार नहीं हुआ तो वह चुनावों का पूर्णता बहिष्कार करेंगे और किसी भी पार्टी के नुमाइंदे को गांव में वोट मांगने की इजाजत नहीं दी जाएगी।