कोरोना इफैक्ट: नाकों पर सेवाएं देने से लगे कतराने डॉक्टर

ईसीआर खराब करने को जारी किया धमकी भरा पत्र

सुरेंद्र जम्वाल। बिलासपुर

जिला बिलासपुर में एकाएक बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले पर नाकों पर सेवाएं दे रहे डाक्टर भी कतराने लगे हैं। इस बात का खुलासा जिला आयुर्वेदिक आधिकारी ने जारी किए गए पत्र पर डाक्टरों के द्धारा राजनीतिक आकांओं से दबाव बनाकर नाकों पर सेवाएं न देने का आरोप लगाया गया है। आधिकारी के द्धारा जारी किए गए पत्र पर डाक्टरों को चेतावनी देते हुए ईसीआर खराब करने की धमकी तक दे दी गई है।

आधिकारी ने जिला के डाक्टरों पर अत्यधिक राजनीतिक दबाव बनाने के बाद यह सख्त कदम उठाया गया है। अधिकारी के द्धारा जारी किए गए पत्र पर स्पष्ट तौर लिखा गया है कि ज्यादा राजनीतिक दबाव बनाओगे तो ईसीआर खराब कर दी जाएगी। जिला बिलासपुर में कुल 69 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी है, जिनमें लगभग 50 के करीब डॉक्टर है, तो दिन-रात अपनी सेवाएं नाकों पर दे रहे हैं।

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डॉक्टरों के द्धारा नाकों पर सेवाएं देने उपरांत यह आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां बिना डाक्टरों से ही कुछ खुली है, जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही होता है तथा कुछ बंद पड़ी है, जिससे आने वाले मरीजों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही हैं और अन्य अस्पतालों को जाने को मजबूर हैं। प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि जिला में तैनात आयुर्वेदिक डॉक्टर अपने राजनीतिक आकांओं के चहेते हैं, जो आधिकारीयों पर अपनी धौंस दिखाते हैं और चहेतों को नाकों पर से सेवाएं न देने तुरंत दूसरी जगह स्थानांतरित करके सेवाएं उपलब्ध करवा देते हैं।

अगर राजनीतिक आकांओं का इतना ही प्रभाव रहा, तो नाकों पर इन डॉक्टरों का सेवाएं उपलब्ध होने से भी इनकार नहीं किया जासकता है। जिला आयुर्वेदिक आधिकारी जमीर खान चंदेल ने कहा कि जो डॉक्टर दबाव बना रहे थे, अब वह समझ चुके हैं, जिससे अब इस मामले में ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे कि कौन लोग राजनीतिक दबाव बना रहे हैं।