उज्ज्वल हिमाचल। शिमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सदन में कहा कि 30 जून की रात को यह आपदा आई थी। पहली जुलाई को हेलिकॉप्टर से राशन छोडऩे में ही गया था। इस तरह से सराज में सबसे पहले मैं ही पहुंचा था। इस दौरान डीसी और एसपी ने मंडी में दिन-रात काम किया। उपमुख्यमंत्री को सरकार ने भेजा। लोक निर्माण मंत्री फिर मंडी गए और सडक़, बिजली, पानी को टेंपरेरी रिस्टोर किया। मैंने खुद अधिकारियों को निर्देश दिए कि नेता प्रतिपक्ष के साथ संपर्क बनाए रखें। उनको हेलिकॉप्टर तक देने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र का धन्यवाद वह भी करेंगे, जिस दिन रिलीफ पैकेज आएगा। वह जयराम ठाकुर के साथ दिल्ली जाकर धन्यवाद करेंगे।
जहां तक के लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन को बदलने की बात थी तो वह ट्रांसफर इसलिए करनी पड़ी थी, क्योंकि 10 दिन से काम नहीं हो रहा था। राज्य सरकार ने एक्सईएन से टेंडर मुक्त काम करवाने को कहा था, पर जवाब ही नहीं मिल रहा था। इस दौरान पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग के चीफ इंजीनियर वहां तैनात किए गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिराज विधानसभा क्षेत्र की लाइफलाइन छतरी, जंजैहली, थुनाग सडक़ है, लेकिन इस सडक़ को जितना नुकसान हुआ है, वह राज्य के संसाधनों से पूरा नहीं होगा। इसलिए इसको सेंट्रल रोड फंड में डालने की बात हो रही है।
मानसून सत्र में पहले ही दिन राज्य सरकार की ओर से दो ऑर्डिनेंस सदन में रखे गए। पहले शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश-2025 रखा। इसके तहत सरकार ने नए शहरी निकायों में चुनाव को दो साल तक टालने की व्यवस्था की है। इसके बाद नगर एवं ग्राम योजना मंत्री राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय अध्यादेश-2025 रखा। इससे राज्य सरकार ने तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर किसी और विश्वविद्यालय से नियुक्ति का रास्ता साफ किया था और उसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर को नियुक्त कर दिया था। इन्हें पारित करने के लिए अब बाद में चर्चा के लिए लगाया जाएगा।





