एनएसयूआई के छात्रों के समर्थन में आया कांग्रेस विधायक दल

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

कांग्रेस विधायक दल ने मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से निष्कासित किए तीन छात्रों की मांग को रखा, पांच विधायकों के प्रतिनिधिमंडल में किन्नौर के कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी, कांगड़ा से कांग्रेस विधायक पवन काजल, नालागढ़ से कांग्रेस विधायक लखविंदर सिंह राणा, पालमपुर से कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल, फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने बताया की प्रदेश विश्वविद्यालय मे पुस्तकालय व छात्रावास को कोरोना नियमों के साथ खोलने को लेकर ज्ञापन सौपने के लिए एनएसयूआई के तीन पदाधिकारियों वीनू मेहता (प्रदेश उपाध्यक्ष एनएसयूआई) यासीन बट्ट (प्रदेश महासचिव एनएसयूआई परवींन मिंहास (पूर्व विवि अध्यक्ष) का निष्कासन राजनीति से प्रेरित है।

प्रदेश विवि में कोरोना की महामारी के दौरान भर्तियां लगातार जारी है, तो पुस्तकालय व छात्रावास को खुला रखने की आवाज रखना छात्रों की अहम मांग थी। इसके लिए निष्कासन दुर्भाग्यपूर्ण है। एक तरफ प्रदेश विश्वविद्यालय मे कुछ छात्र संगठन दराट-कुल्हाड़ियों से एक- दूसरे पर हमले कर रहे, लेकिन आजतक विश्व विद्यालय प्रशासन उनके उपर कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। वहीं, दूसरी तरफ एनएसयूआई के छात्र साथियों को छात्रों की मूलभूत समस्याओं पुस्तकालय व हॉस्टल बंद करने का विरोध किया व कोरोना के नियमों के साथ खुला रखने का आग्रह किया गया, तो एनएसयूआई के पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया।

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कहीं ऐसा तो नहीं की यह सब जो विश्व विद्यालय मे बाइस चांस्लर के बेटे की गलत तरीके से पीएचडी में दाखिला दिया, उसके खिलाफ एनएसयूआई ने जो मोर्चा खोल रखा था, उस आंदोलन को दबाने के लिए छात्रों का निष्कासन किया गया। विधायक दल ने बताया कि इस तरह से तो छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की जा रही है, उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले मे हस्तक्षेप करके तुरंत छात्रों को बहाल करने की मांग की।