पंचायत भवन के लिए भूमि चयन को लेकर उपजा विवाद नहीं ले रहा थमने का नाम

एमसी शर्मा। नादौन

विकास खंड नादौन की नई बनी पंचायत जीहण में पंचायत भवन परिसर के निर्माण हेतु भूमि चयन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक और पंचायत के अधिकांश लोग भवन परिसर क्षेत्र के केंद्र में बनवाने की वकालत कर रहे हैं, वहीं मात्र कुछ लोग यह भवन परिसर वर्तमान पंचायत प्रधान के घर के निकट बनवाना चाहते हैं। इस खींचतान में अब नया बखेड़ा खड़ा हो गया है क्योंकि पंचायत प्रधान के घर के निकट करीब डेढ़ कनाल भूमि को ना केवल जेसीबी मशीन द्वारा समतल करवा दिया गया बल्कि स्थानीय लोगों की मानें तो इस भूमि पर लगे पेड़ों की भी बलि दे दी गई, जिसके लिए वन विभाग को भी ना तो सूचना दी गई और ना ही स्वीकृति मांगी गई।

यह भूमि किसी स्थानीय व्यक्ति ने हीं पंचायत भवन के निर्माण हेतु दान में दी थी और अब यह भूमि विभाग के नाम चड़ भी गई है। हैरानी की बात यह है कि उच्च अधिकारी व प्रशासन इस विवाद को सुलझाने में लगे हैं और प्रशासन की ओर से अभी कोई भी भूमि भवन निर्माण के लिए आधिकारिक तौर पर चिन्हित नहीं की है। ऐसे में दान दी गई भूमि जो कि अब सरकारी भूमि है उस भूमि पर किसी ने बिना स्वीकृति मशीन चला दी और यहां लगे पेड़ों की बलि दे दी है। पता चला है कि आनन-फानन में आरंभ किए गए इस कार्य को भी आनन-फानन में रोक दिया गया है और वीडीओ नादौन ने भी मौका का निरीक्षण किया है।

गौर हो कि अधिकांश ग्रामीण लिखित तौर पर पंचायत भवन परिसर या तो जीहण में जहां चार कनाल भूमि है या पूरे क्षेत्र के केंद्र स्थल पर जहां 22 कनाल भूमि है वहां भवन बनाने की मांग कर रहे हैं, परंतु कुछ लोग पंचायत प्रधान के घर के निकट उक्त निर्माण के पक्ष में हैं। यह भूमि पंचायत के एक अंतिम छोर पर हैं परंतु अब इस भूमि को समतल करने के बाद विवाद और बढ़ गया है। इस संबंध में वीडियो अस्मिता ठाकुर ने बताया कि प्रशासन की ओर से ना तो निर्माण आरंभ करने और ना ही निर्माण बंद करने के संबंध में कोई भी आदेश नहीं दिया गया है। वहीं बीट अधिकारी रंजीत सिंह ने बताया कि इस भूमि पर पेड़ काटने के लिए किसी भी प्रकार की स्वीकृति नहीं मांगी गई थी।