रोजगार के अवसर बढ़ते तो गांवों में आज स्मृद्धि देखने को मिलती: पराशर

-कैप्टन संजय ने भनेड़ पंचायत में आयोजित किया 39वां महायज्ञ

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय ने कहा है कि वह जसवां-परागपुर क्षेत्र में पूरी निष्ठा व परिश्रम की पराकाष्ठा से आमजनमानस और आर्थिक रूप से अक्षम वर्ग के उत्थान के लिए समपर्ण भाव से कार्य करेंगे। शनिवार को क्षेत्र की भनेड़ पचांयत में आयोजित 39वें महायज्ञ में स्थानीय वासियों से संवाद करते हुए पराशर ने कहा कि जनकल्याण के लिए सरकार द्वारा जो नई नीतियां या योजनाएं बनती हैं, उनका लाभ आम जनता को मिल रहा है या नहीं, इस पर चिंतन व मनन होना चाहिए।

इसके लिए राजनीतिक गतिशीलता की आवश्यकता होती है और उनका मानना है कि अगर जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा तो निश्चित तौर पर विकास कार्यों में आ रही बाधाओं को तुरंत दूर किया जा सकेगा। संजय ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश के कई इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य जैसे मुद्दों से आम जनता को निजात नहीं मिल पाई है।

यह भी एक कारण है कि दूरदराज के गांवों से पलायन हुआ है, लेकिन सबसे बड़ी परेशानी गरीब परिवारों को है। वे अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। किसान बेहसहारा पशुओं और जंगली जानवरों की समस्या से खेती से मुंह मोड़ने को मजबूर हैं।

ऊपर से फसल की बीमारी और भूमि कटाव से परेशानियां बढ़ गई हैं, लेकिन किसानों के बदहाल होते हालात पर किसी को रहम नहीं आ रहा है। होना तो यह चाहिए था कि किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई होती। किसानों को अच्छे व उत्तम किस्म के बीज उपलब्ध करवाने के साथ मिट्टी की गुणवत्ता की जांच के लिए प्लान किया जाता ताकि क्षेत्र के किसान खुशहाल हो पाते।

पराशर ने कहा कि अगर महिला मंडल भवनों को पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत किया जाता और स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाकर गांव की महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों काे बढ़ाया जाता तो गांवों में स्मृद्धि देखने को मिलती। वर्तमान हालात ऐसे हैं कि कई गांवों में मोबाइल नेटवर्क तक नहीं है। इससे कोरोनाकाल में बच्चों की पढ़ाई पर विपरित असर पड़ा। बावजूद गांववासियों की इन दिक्कतों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।

कहा कि अगर औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरस में बड़े औद्योगिक घरानों को अपना यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाता और रेलवे नेटवर्क इस क्षेत्र में पहुंचाने के गंभीरता से प्रयास किए होते तो लाजिमी बात थी कि क्षेत्र से बेरोजगारी की समस्या का काफी हद तक हल हो गया होना था। संजय ने कहा कि विकास अगर सच में देखना है तो किसी गरीब परिवार के पास जाकर उसकी स्थिति का अवलोकन करना चाहिए कि वो किन विषम परिस्थितयों में अपने जीवन का निवर्हन कर रहा है।

अच्छी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन के लिए सिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा, इसके लिए जमीन पर जुनून से कार्य करने की आदत डालनी होगी। कहा कि क्षेत्र की जनता अगर व्यवस्था परिवर्तन के हक में है तो सबको एकत्रित होकर सामूहिक प्रयास करने हाेंगे। महायज्ञ में पौने दो सौ परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया और हवन कुंड में आहुतियां डालीं।

पराशर ने नारी पंचायत में किया दूसरे वॉलीबाल टूर्नामेंट का शुभारंभ-

संजय पराशर ने शनिवार को दूसरे वॉलीबाल टूर्नामेंट का शुभारंभ नारी पंचायत में किया। इस खेल प्रतियोगिता में 22 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इस अवसर पर पराशर ने कहा खेलों के माध्यम से खिलाडियों में आत्म-निर्भर होने की भावना का उदय होता है। खिलाड़ी केवल अपने लिए ही नहीं खेलता, बल्कि उसकी हार और जीत पूरी टीम की हार और जीत है। उसमें अपने साथियों के लिए स्नेह तथा मित्रता का विकास होता है। उसमें अपनत्व तथा एकत्व की भावना जन्म लेती है। वह अपने में ही अपनी टीम की प्रगति देखता है।

इस अवसर पर अर्जुन सिंह, राज कुमार, संसार चंद, दिलावर सिंह, प्रीतम चंद, मेहर चंद, धर्म सिंह, देवराज, राम सिंह, नीरज, तिलक राज, पवन कुमार, रत्न चंद, मदन लाल, रीता देवी, पूजा, केवल, पुरूषोत्तम, अजय और नरेश भी मौजूद रहे।