चकमोह में बहिष्कार की घोषणा ने तोड़ा दम, चुनावी प्रचार शुरू

एसके शर्मा। हमीरपुर
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकमोह की भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम न होने तक बहिष्कार की घोषणा चुनावी तिथियों की घोषणा होते ही दम तोड़ गई। पंचायत उप चुनाव की 22 से 24 मार्च को नामांकन की तिथियां घोषित होते ही ग्राम पंचायत चकमोह में अब प्रधान, उप-प्रधान और वार्ड सदस्य के उम्मीदवार डोर-टू-डोर वोट मांगने शुरू हो गए। जनवरी माह में इसी पंचायत ने मीडिया में घोषणा की थी कि अस्पताल भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम न होने तक बहिष्कार होगा। चाहे इसके लिए कितने ही आगामी चुनावों का बहिष्कार क्यों न करना पड़े। लेकिन गांव से सशक्त बीडीसी प्रत्याशी को 120 वोटों से हरवाकर अब अचानक ही बहिष्कार की जगह चुनावों में भाग लेने का जज्बा पैदा हो गया।

भले ही अस्पताल के समझौता ज्ञापन से जुड़ी अधिकांश कार्रवाईयां बीडीसी प्रत्याशी ने की, जिसको वोट मांगते वक्त ग्रामीणों ने बहिष्कार पालन का पाठ पढ़ाया था। 6 जनवरी को ग्राम पंचायत प्रधान, उप-प्रधान और वर्ड सदस्यों ने सामूहिक नामांकन वापस लिया था। जिसकी वजह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकमोह की भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम न होने को बताया। मगर यह कार्य अब तक नहीं हुआ है और बीडीसी प्रत्याशियों को हराकर अब नामांकन वापस लेने वाले लोग अपनी बारी चुनाव लडऩे को उठ खड़े हुए हैं, जिससे लोगों में चर्चा हो रही है कि बहिष्कार का मकसद केवल बीडीसी व जिला परिषद उम्मीदवारों को हराना था। जिसके चलते मुश्किल से 27 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बहिष्कार की घोषणा पंचायत चुनाव के सभी प्रत्याशियों ने तब की थी जब अपना नामांकन वापस लेकर फिर से अपना चुनाव लडऩे का मौका सुरक्षित कर लिया और चुनाव चिन्ह पा चुके बीडीसी उम्मीदवारों के लिए वोट डालने का बहिष्कार कर दिया। अब चुनावों की पुन: घोषणा पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकमोह की भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम न होने का मामला नजरंदाज हो गया।