सड़क की टायरिंग उखड़ने से सवालों के घेरे में विभागीय कार्यप्रणाली

चमेल सिंह देसाइक। शिलाई

लोक निर्माण विभाग मंडल शिलाई के अंतर्गत राजपुर सड़क की टायरिंग उखड़ने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। घटिया सामग्री व आगे दौड़ पीछे छोड़ वाली कार्य प्रणाली को देखते हुए लोगों में विभागीय अम्ला के प्रति भारी रोष व्यापक है। टायरिंग कार्य की गुणवत्ता पर क्षेत्रवासियों ने विभाग तथा सरकार पर भ्रष्टा चार के आरोप लगाते हुए आंदोलन की बात कही है। दशकों से पॉवटा साहिब-राजपुर लिंक सड़क की हालत खस्ताहाल बनी हुई थी।

कई बार कार्यालय व सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद सड़क की टायरिंग का कार्य शुरू करवाया गया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण सड़क की टायरिंग का कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है तथा टायरिंग एक तरह से पूर्ण हुई है, तो दूसरी तरफ से उखड़कर सड़क पर गहरे गड्ढे हो रहे हैं। क्षेत्रीय निवासीयों में नाथू राम, प्रवीण कुमार, यूसुफदीन बताते हैं कि संबंधित विभाग व ठेकेदार की भ्रष्टाचार में संलिप्तता है। कार्य में लीपापोती की गई है, घटिया गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।

सड़क की टायरिंग इतनी घटिया है कि हाथ लगाने से उखड़ रही है, सरकार व जनता का पैसा विभागीय कर्मचारी व संबंधित ठेकेदार मिलकर डकार रहे हैं। इसलिए क्षेत्र वासियों में रोष व्याप्त है। यही जल्द कार्यवाही न की गई, तो आंदोलन किया जाएगा। विभागीय कर्मचारियों की माने तो इस तरह के तर्क देते नजर आते हैं। जैसे इंजीनियरिंग की डीग्री कमीशन देकर ली हो। साथ ही सरकारी नोकर भी घूसखोरी से लगे हो, कर्मचारी बताते हैं कि तापमान ज्यादा होने की बजह से लिंक मार्ग पक्का होने में तीन से चार दिन लग जाते हैं, जहां ये अवधि पूर्ण हो गई है, वहां सड़क उखड़ने की समस्या नहीं आएगी, जबकि मौका पर इन सब बातों की पोल खुलती नजर आ रही है।

लोनिवि मंडल शिलाई अधिशासी अभियंता प्रमोद उप्रेती मामले की पुष्टि करते हुए बताते है कि राजपुर लिंक सड़क में हो रही टायरिंग में लापरवाही बरतने की शिकायतें उनके पास आई है, जिसमे जांच की जाएगी, यदि धांधलियां पाई गई, तो संबंधित कर्मचारियों सहित कार्य कर रहे ठेकेदार पर विभागीय कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी।