महाकाल मंदिर में बाबा को 56 भोग लगाकर मनाई गई दिवाली

फुलझड़ियों से की बाबा महाकाल की आरती

Diwali celebrated by offering 56 bhog to Baba in Mahakal temple
देश में सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाई गई दीपावली

डेसक : दीपावली के महापर्व पर हर साल की भांती इस साल भी देश में सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर में दिवाली मनाई गई। रूप चौदस और दिवाली का पर्व एक ही दिन है जिसके चलते भस्मारती में बाबा महाकाल का पंचामृत से अभिषेक किया गया और चंदन का उबटन लगाया गया। सुबह होने वाली भस्म आरती में बाबा महाकाल की आरती फुलझड़ियों से की गई। इस अवसर पर मंदिर को खूबसूरत फूलों से सजाया गया है।

बाबा को लगाए गए 56 भोग
दीपावली के इस शुभ अवसर पर बाबा महाकाल को 56 प्रकार के विभिन्न व्यंजनों का भोग लगाया गया। इस अवसर पर मंदिर के गर्भगृह, नंदी हॉल में फूलों से अति सुदंर व आकर्षक सजावट की गई है। बड़ी संख्या में भक्त दीपावली के त्योहार को मनाने के लिए महाकाल धाम पहुंच रहे हैं। मंदिर में लगी आकर्षक लाइटिंग भक्तों को बहुत भा रही हैं।

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महाकाल मंदिर में सबसे पहले मनाया जाता है दीपावली का पर्व
देश में सबसे पहले दिवाली की शुरुआत महाकाल मंदिर से होती है। धनतेरस पर बाबा महाकाल की फुलझड़ियों से आरती के बाद देश में दीपोत्सव का आगाज होता है। पांच दिनों तक मंदिर में भव्य रूप से दिवाली मनाई जाती है। दिवाली के मौके पर बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया गया। यह परपंरा बहुत पुरानी है जिसका आज भी विधिवत रुप से निर्वहन होता है। पुजारियों व मंदिर प्रशासन द्वारा इस दिन महाकाल मंदिर को पूरी तरह सजाया जाता है। दिपावली के शुभ अवसर पर मंदिर परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। लंबी-लंबी लाइनों में लग कर भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए और मंगल व सुख-समृद्धि की कामना की।

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