वोट बैंक की राजनीति के कारण डाडासीबा के साथ हमेशा अन्याय होता रहा-कैप्टन संजय पराशर

संजय पराशर ने गुरनबाड़ में आयोजित किया 26वां महायज्ञ

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण जसवां-परागपुर क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थल डाडासीबा से हमेशा अन्याय होता रहा है। महान स्वतंत्रता सेनानी बाबा कांशीराम की इस कर्मभूमि को हर बार सियासत के चश्मे से देखा गया। पराशर ने कहा कि अगर इस क्षेत्र से राजनीतिक इंसाफ हुआ होता, तो डाडासीबा और गुरनबाड़ जैसे गांवों की दिशा व दशा आज कुछ ओर होती।

शनिवार को गुरनबाड़ पंचायत में आयोजित 26वें महायज्ञ के अवसर पर संजय ने कहा कि इस क्षेत्र से हुई अनदेखी करने वालों को कभी माफ नहीं किया जा सकता। संजय पराशर ने कहा कि लोकतंत्र में कभी किसी की गुरबत का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। अगर सत्ता सुख मिला है तो उसे भोगने की बजाय समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की हर हाल में मदद करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर किसी की गरीब परिवार का होनहार बच्चा आगे की पढ़ाई करने में असमर्थ है। तो उसे साधन उपलब्ध करवाने चाहिए। किसी बेटी की साइंस विषय में रूचि है, लेकिन क्षेत्र के कॉलेजों में यह विषय नहीं है, तो क्यों नहीं ऐसी व्यवस्था की जाए कि ऐसे बच्चे घर-द्वार पर ही पसंदीदा विषय लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें। पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।

बोर्ड और यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में इन बच्चों ने कई बार खुद को साबित किया है, लेकिन कहीं न कहीं कमी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले नेतृत्व में भी है। कहा कि हमें ऐसे शिक्षण संस्थानों का निर्माण करना है, जहां पर प्रत्येक विषय के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। आज के प्रतियोगी युग में अगर हमारे बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बने तो किसी और क्षेत्र के विद्यार्थी आगे बढ़ जाएंगे।

पराशर ने कहा कि अगर बाबा कांशीराम के इस क्षेत्र में ईमानदारी से काम किया गया होता, तो आज डाडासीबा कॉलेज में विज्ञान विषय भी होता और बच्चों को पढ़ाने के लिए सारा स्टाफ भी उपलब्ध हुआ होता। उन्होंने कहा कि अब हमें अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के बारे में सोचना है और उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाना है, जिसके लिए वे सही मायनों में हकदार हैं।

यह सब काम अब सिर्फ व्यवस्था परिवर्तन से ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि राजनीति कमाने का जरिया नहीं बल्कि समाज सेवा का माध्यम होनी चाहिए। अच्छा हो कि शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों पर सार्थक चर्चा होनी चाहिए लेकिन विडंबना यह है कि यहां करोड़ों रूपए गरीबों में बांटने के दावे-प्रतिदावे तो किए जाते हैं, लेेकिन ऐसे लोगों से उनका सवाल है कि क्या उन्होंने यह पैसा अपनी कमाई से वितरित किया है या आम आदमी के टैक्स से जो धनराशि बांटी भी गई है? क्या वह सच में गरीबाें तक पहुंची भी है?

पराशर ने कहा कि गुरनबाड़ पंचायत में भी समस्याओं का अंबार है और कई संपर्क मार्गों की हालत ठीक नहीं है। इन रास्तों की मरम्मत होनी चाहिए। वहीं, डाडासीबा अस्पताल में सुविधाओं में भी इजाफा हाेना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्थानीय वासियों को इधर-उधर न भटकना पड़े। हवन यज्ञ में एक सौ अस्सी से ज्यादा परिवारों के सदस्यों ने आहुतियां डालीं। इस अवसर पर पंचायत प्रधान वंदना कुमारी, विनोद शर्मा, रछपाल सिंह, प्रीतम धीमान, पुष्पेन्द्र सिंह, सोमा देवी, रीना कुमारी, हंसराज, मनसा राम और कृष्णा देवी भी मौजूद रहे।