बिजली बोर्ड कर्मियों व पेंशनरों ने अपनी मांगों काे लेकर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड़ इम्प्लॉइज एवं इंजीनियरज जाइंट फ्रंट के आव्हान पर कांगड़ा वृत के परिसर में भोजन अवकाश के समय एकत्रित होकर कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनरों ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया। जिसमें सरकार से मांग की गयी की बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन को शीघ्र लागू किया जाए। बोर्ड में समाप्त किए गए अभियंताओं के 51 विभिन्न पदों को शीघ्र बहाल किया जाए। ड्राईवर के पद पर कार्यरत 81 आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी के आदेश वापिस लिए जाए। वहीं बिजली बोर्ड का विघटन कर इसके संचार व उत्पादन विंगों को अलग-अलग करने की मुहिम पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गयी। ऐसा करने से जहां बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की सर्विस कंडीशन प्रभावित होगी वहीं उपभोक्ताओं की बिजली दरें लगभग दुगुनी हो जाएगी।

ये हैं मुख्य मांगें :-

  • बिजली बोर्ड में खत्म किये गए कार्यात्मक 51 पदों पर पुनर्विचार कर वहाल किया जाए। यह कार्यात्मक व आबाद पद हैं इनके खत्म होने से बिजली बोर्ड द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को दी जा रही सेवाएं प्रभावित होंगी।
  •  बिजली बोर्ड से निकाले गए 81 आउटसोर्स ड्राईवर की सेवाएं वहाल की जाए । यह कर्मचारी पिछले 10-12 वर्षों से बिजली बोर्ड के लिए सेवाएं दे रहे हैं।
  • बिजली बोर्ड कर्मचारियों की में पुरानी पेंशन लागू की जाए। आज बिजली बोर्ड में लगभग 6500 कर्मचारी नई पेंशन प्रणाली में हैं और 48 करोड़ रुपये NSDL के पास इम्पलॉयर शेयर के रूप में जा रहा है जबकि बोर्ड में पुरानी पेंशन के लागू करने पर में मात्र 9 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के लगभग खर्चा है । इससे बोर्ड कर्मचारियों को लग रहा है कि उनके साथ कहीं न कहीं भेदभाव हो रहा है क्योंकि बोर्ड में प्रदेश सरकार के साथ ही वर्ष 1974 से पुरानी पेंशन प्रणाली लागू हो गई थी।
  • बिजली बोर्ड के वर्तमान ढांचे से कोई छेड़ छाड़ न हो । प्रदेश सरकार व Joint Front of HPSEB Employees & Engineer के बीच वर्ष 2010 में बिजली बोर्ड के पुनर्गठन के समय हुए समझौते का पालन हो और बिजली बोर्ड से कोई भी संपति किसी दूसरे उपक्रम को ट्रान्सफर न की जाए । इस ढांचे से बिजली बोर्ड कर्मचारियों व पेंशनर की भावनाएं जुड़ी है और सब कॉमेटी द्वारा इस मुद्दे को चर्चा पर न लाने से बिजली बोर्ड से जुड़े कर्मचारियों व पेंशनर की भावनाओं को ठेस पहुंची है और संशय का माहौल बना है। इसलिए इस पर सरकार की ओर से स्पष्ट्टीकरण आना जरूरी है जिससे इस मुद्दे पर विराम लग सके।
  • प्रदेश सरकार द्वारा गठित Cabinet Sub Committee द्वारा दी गई सिफारिशों पर पुनर्विचार हो और इसके सभी मुद्दों को लागू करने से पहले बोर्ड कर्मचारियों व अभियंताओं को सुना जाए। फ्रंट का मानना है कि बिजली बोर्ड के कामकाज में अधिकतर टेक्निकल मुद्दें जुड़े हुए हैं और नॉन टेक्निकल कमिटी बोर्ड का सही आकलन नहीं कर सकती। इसलिए इन मुद्दों पर पहले जॉइंट फ्रंट और मैनजमेंट की इंटरनल कमेटी गठित कर चर्चा होना जरूरी है जिससे बिजली बोर्ड हित मे व्यवहारिक फैसला बाहर आ सके सके।
  • बिजली बोर्ड में टी मेट श्रेणी के भर्ती के लिए स्वीकृत 1030 पदों को शीघ्र भरा जाए और अन्य खाली पड़े पदो को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उलेखनीय आज बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के नौ हज़ार से भी अधिक पद खाली पड़े हैं।
  • बिजली बोर्ड कर्मचारियों व पेंशनरों के लंबित वितीय लाभों जिसमें कर्मचारियों के ओवरटाइम, यात्रा भत्ता के क्लैमज सेवानिवृती पर मिलने वाली ग्रैचुइटी व अर्जित छुट्टियों का पैसा सम्मलित है कि अदायगी शीघ्र की जाए।

इस मौके पर ई. पुनीत सौंधी, ई. आदर्श भारद्वाज, ई. पुलकित दीक्षित, ई. सौरव चौधरी, गुलशन कुमार, आशीष कटोच, पंकज कुमार, दरवारी लाल, विजय कुमार, सोनू, सुभाष कुमार, सुरजीत कुमार, विशव भारती, चुनी लाल, एनडी चौधरी, डीएल मल्होत्रा, मदन मेहरा, शेष राज, जनक राज तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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