मंडी और डलहौजी में भी स्थापित होगा मौसम रडार

डाॅ. हर्ष वर्धन ने डाॅप्पलर मौसम राडार का लोकार्पण किया

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

मौसम का स्टीक पूर्वानुमान न केवल किसानों के लिए उनकी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने हेतु महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यटन के विकास में भी मदद करता है, क्योंकि पर्यटक मौसम के अनुसार अपनी यात्रा योजना बना सकते है। यह बात केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन ने मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस के मौके पर शिमला के कुफरी और उत्तराखंड के नैनीताल, मुक्तेश्वर में स्थापित पहले डाॅप्पलर मौसम राडार के वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण अवसर पर कही।

केन्द्रीय मंत्री ने बहुमिशन मौसम संबंधी डाटा प्राप्त करने एवं प्रसंस्करण प्रणाली का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया तथा ऑनलाइन मौसम पत्रिका भी जारी की। इस अवसर पर वर्चुअली संबाेधित करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुफरी में राडार को समर्पित करने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार करते हुए कहा कि राज्य में मंडी और चंबा जिला के डलहौजी में दो और राडार स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राडार स्थापित करने के लिए मण्डी में स्थान चिन्हित कर लिया गया है और डलहौजी में शीघ्र ही चिन्हित कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुफरी में स्थापित किया गया। राडार दो सप्ताह की अवधि के लिए परीक्षण मोड़ पर था और उसके पश्चात इसका डाटा का उपयोग पूर्वानुमान के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राडार की रेंज रेडियल दूरी 100 किलाे मीटर तक है। उन्होंने कहा कि यह सभी दिशाओं में 100 किलाे मीटर तक के मौसम का डाटा प्रदान करेगा। इसका उपयोग पूर्वानुमान और विशेषकर छोटी रेंज के पूर्वानुमान के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से विशिष्ट क्षेत्र में मौसम से संबंधित विभिन्न घटनाओं जैसे आंधी तुफान, आसमानी बिजली, ओलावृष्टि, भारी बारिश, बर्फबारी, तेज हवाओं इत्यादि के लिए अधिक स्टीक क्षेत्र विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी जारी की जा सकेगी।

जयराम ठाकुर ने कहा कि डीडब्ल्यूआर से बुनियादी जानकारी प्राप्त करने के उपरांत परावर्तन प्राप्त किया जाएगा, जो बादल में जल सामग्री का एक मापक होगा। ये विशेष रूप से क्लाउड सेल, बादलों की गति और दिशा सहित बादल के आधार और ऊंचाई के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह केंद्र प्रदेश के बागवानों और किसानों को मौसम से संबंधित स्टीक जानकारी प्रदान करने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीडब्ल्यूआर कुफरी 24 घंटे क्रियाशील रहेगा तथा ये पूरी तरह से स्वचलित और कम्प्यूट्रीकृत कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि यह डाटा को विभिन्न डिजिटल प्रारूपों और चित्रों के माध्यम से प्रसारित करेगा। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी वर्चुअल माध्यम से संबाेधित किया। सचिव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय डाॅ. एम राजीवन ने केंद्रीय मंत्री, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों और अन्य उपस्थित गणमान्यों का स्वागत किया। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख और एससी-जी आनंद शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव
प्रस्तुत किया।

सांसद सुरेश कश्यप, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, प्रधान सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केके पंत, विशेष सचिव राजस्व सुदेश कुमार मोक्टा और प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर शिमला में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कल यानी शनिवार को मण्डी दौरे पर रहेंगे। सीएम ऑफ़िस से मिली जानकारी के मुताबिक़ वे मण्डी में कोरोना वेक्सिनेशन और बर्ड फ़्लू से सम्बंधित समीक्षा बैठक लेंगे।