उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
हिमाचली संस्कृति (Himachali Sanskriti)की शान ही निराली व अद्भुत है, तभी तो देश-विदेश के लोग इसे पसंद करते हैं और इस पहाड़ों की सुदंरता देख इसके कायल हो जाते है। पहाड़ी संस्कृति और पहाड़ी संगीत में वह मिठास और सुंदरता है कि हर कोई इसका दिवाना हो जाता है चाहे उसे पहाडी बोली समझ में आए या ना आए।
ऐसा ही नजारा आज गगल एयरपोर्ट पर देखने को मिला, जब जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए रूस, टर्की और यूएई के प्रतिनिधि सुबह पहली फ्लाइट से यहां पहुंचे।
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इस दौरान सभी मेहमानों का ढोल नगाड़ों, शहनाई और भाषा एवं संस्कृति विभाग के कलाकारों द्वारा पहाड़ी अंदाज में स्वागत किया गया। पहाड़ी संगीत और संस्कृति को देखकर तुर्की की महिला भी खुद को रोक नहीं पाई और पहाड़ी कलाकारों के साथ नृत्य करने लगी, जिसे देख सभी हैरान रह गए।