जसवां-परागपुर में कृषि विभाग में पद रिक्त होने से किसान हो रहे परेशान: संजय पराशर

-62 पंचायतों पर सिर्फ एक कृषि अधिकारी नियुक्त

उज्जवल हिमाचल। परागपुर

कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि जसवां परागपुर में किसानों की समस्या सुनने और उन्हें हल करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी चल रही है। क्षेत्र की दोदू राजपूतां पंचायत में जनसंवाद कार्यक्रम में स्थानीय वासियों से चर्चा करते हुए पराशर ने कहा कि डाडासीबा में कृषि विभाग के कार्यालय में कृषि विकास अधिकारी का पद खाली चल रहा है। विकास खंड कार्यालय परागपुर के अधीन पड़ते डाडासीबा के लिए मात्र एक अधिकारी 62 पंचायतों का कार्य देख रहा है।

उनके पास भी आगे कार्य करने वाले कर्मचारी नहीं है। कैप्टन संजय ने कहा कि सरकार को विभागों में खाली चल रहे रिक्त पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द उचित कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को इधर से उधर भटने की बजाय एक स्थान पर समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवानी चाहिए। कहा कि विकास खंड कार्यालय परागपुर के तहत आते डाडासीबा कार्यालय में कृषि विकास अधिकारी का पद पिछले कई महीनों से खाली पड़ा हुआ है।

इसके अलावा यहां अन्य स्टाफ भी कम है, जिसके चलते किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार इन दोनों विकास खंडों में एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ऑफिसर (एईओ) की 5 पोस्ट खाली चल रही हैं। विकास खंड परागपुर और डाडासीबा में 2 एग्रीकल्चर विकास अधिकारी (एडीओ) होने चाहिए, लेकिन 62 पंचायतों पर सिर्फ एक कृषि विकास अधिकारी नियुक्त है।

परागपुर स्थित कार्यालय में तैनात एक मात्र अधिकारी की भी अक्टूबर माह में रिटायरमेंट होनी है। इन दोनों कार्यालयों में ऑफिस स्टाफ पहले ही कम चल रहा है। संजय पराशर ने कहा कि किसानों को अपनी समस्या का हल करवाने के लिए कभी डाडासीबा को कभी परागपुर की ओर जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इन कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।

ताकि किसानों तथा आम लोगों को दुविधा का सामना न करना पड़े। कैप्टन पराशर ने कहा कि यह भी एक कारण है कि जिसके चलते किसान अपनी खेतीबाड़ी से मुख मोड़ रहे हैं, क्योंकि उन्हें सरकार द्वारा खोले गए कार्यों में समुचित जानकारी नहीं मिल पाती है। देखने में आया है कि कई बार किसानों को समय पर बीज और खाद न मिल पाने के कारण भी परेशानी झेलनी पड़ती है।

ऐसे में सरकार को चाहिए कि सरकार द्वारा खोले गए कृषि संबंधी कार्यालयों में उचित अधिकारी व कर्मचारियों की संख्या को बढ़ा कर किसानों को इधर उधर भटकने से निजात मिल पाए। कैप्टन संजय ने कहा कि कोटला व सरड डोगरी कृषि विक्रय केंद्रों में भी कर्मचारी न होने चलते किसानों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।