छोटी काशी में विदेशी परिंदों ने दी दस्तक

Foreign birds knock in Chhoti Kashi
छोटी काशी में विदेशी परिंदों ने दी दस्तक

उज्जवल हिमाचल। मंडी
सर्दियों के मौसम में हर वर्ष की तरह इस बार भी छोटी काशी मंडी में विदेशी परिंदों ने दस्तक दे दी है। मंडी ब्यास नदी सहित अन्य जलाशयों में भी कुछ विदेशी परिंदे पहुंच चुके हैं। जो जलाशयों में अठखेलियां करते हुए देखे जा सकते हैं। इस बार विदेशी पक्षियों ने हिमाचल प्रदेश की तरफ प्रस्थान एक माह देरी से किया है।

इसका मुख्य कारण प्रदेश में बारिश व ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी न होना माना जा रहा है। बहरहाल वन विभाग ने विदेशी पक्षियों की सुरक्षा कड़ी कर दी है। जिसके लिए विभाग ने जलाशयों के लिए टीमें गठित की हैं, जो निरंतर विदेशी पक्षियों की सुरक्षा पर पूरी नजर रखेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां सर्दियों के मौसम में साइबेरिया, चीन, तिब्बत, कजाकिस्तान, मंगोलिया, रूस आदि जगहों से एक लंबा सफर तय करके हिमालय की ऊंची चोटियों के ऊपर से उड़ कर भारत में आते हैं। ये दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर उडऩे वाले पक्षी हैं।

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ये करीब 27 से 29 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ कर भारत में पहुंचते हैं। जब इनके गृह क्षेत्र में ठंड बढ़ती है और बर्फबारी शुरू होती है तो ठीक उसी समय ये दक्षिणी एशिया की तरफ प्रवास आरंभ करते हैं। इसके अलावा मंडी जिला के जलाशयों में कॉमन पोचार्ड और रैडी शैलडैक सहित अन्य प्रजातियों के पक्षी भी तैराकी कर रहे हैं।

वहीं बर्ड फ्लू सहित अन्य बीमारियों से बचाव के लिए वन विभाग व पशुपालन विभाग पूरी एहतियात बरत रहा है। इस बारे में मंडी डीएफओ वासु डोगर ने बताया कि साइबेरिया, चीन, तिब्बत और यूरोपीय देशों से यहां अब तक 10 से 15 किस्मों के विदेशी परिंदे मंडी के आस-पास के जलाशयों और नदियों में पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि इन विदेशी मेहमान परिंदों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है।

वहीं हिमाचल प्रदेश सहित मंडी में स्थानीय और विदेशी प्रजातियों के पंछियों और अन्य जानवरों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ देवभूमि पर्यावरण रक्षक मंच ने आवाज उठाई है। मंच के सदस्य पर्यावरण प्रेमी नरेंद्र सैनी का कहना है कि विभाग अपने स्तर पर तो ऐसे मामलों में कार्यवाही करता है लेकिन साथ ही स्थानीय लोगों को भी वन्य जीवों के अवैध शिकार को रोकने के लिए आगे आना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी को पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन पर बल देना चाहिए।

बता दें कि गत वर्ष मंडी ब्यास नदी में तीन नए विदेशी पक्षियों ने दस्तक दी थी। नए विदेशी पक्षियों में बार हैडेड गूज, ग्रेलैग और नॉर्थन लैपिंग शामिल थे। लेकिन इस बार अभी तक नए विदेशी परिंदों ने दस्तक नहीं दी है। वन विभाग ने कुछ पक्षियों की पहचान की है।

जिनमें रूडी शेल्डक, साइबेरियन स्टोनचौट, कॉमन सैंडपाइपर, टफ्टेड डक, सिट्रीन वैगटेल, लिटिल कॉर्माेरेंट, ग्रेलैग गूज, व्हिस्कर्ड टर्न, ग्रेट कॉर्माेरेंट, रेड-वॉटल्ड लैपविंग, कॉमन शेल्डक, वुड सैंडपाइपर, ओरिएंटल डार्टर प्रजाति के दो दर्जन से अधिक पक्षी शामिल हैं। आगामी दिनों में अन्य प्रजातियों के विदेशी परिंदों की मंडी जिला के जलाशयों में पहुंचने की उम्मीद है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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