मीडिया को भेजे गए लीगल नोटिस व क्रूज़ घोटाले की जांच न करवाने पर भड़के पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग

उज्जवल हिमाचल। बिलासपुर

पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि क्रूज मामले को लेकर प्रेस वार्ता में उन्होंने जो आरोप लगाये हैं, उन पर वह अडिग हैं। उन्होंने कहा कि हम जांच को तैयार हैं, पर मीडिया के लीगल नोटिस वापस लो। पूर्व मंत्री आज घुमारवीं में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। गर्ग ने कहा कि मीडिया में वही बात लिखी गई है, जो उन्होंने पत्रकार वार्ता में कही थी और मीडिया का यही काम है कि वो  स्वतंत्रता से बात लोगों के समक्ष रखे लेकिन, तकनीकी शिक्षा मंत्री ने उस बात पर उनके साथ साथ मीडिया को भी लीगल नोटिस भेज दिया। उन्होंने कहा कि नोटिस भेजना लोकतंत्र पर प्रहार है।

इससे सरकार में घुमारवीं से मंत्री ने प्रेस की स्वतंत्रता पर अटैक किया है। गर्ग ने चेताया है कि यदि मीडिया को दिए नोटिस वापस नहीं लिए, तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी तथा कांग्रेस सरकार की कारगुजारियों को जन-जन तक पहुंचाएगी। गर्ग ने कहा कि शिमला में गौरव गर्ग नाम के एक व्यक्ति ने पत्रकारवार्ता कर पैसे लेने के आरोप लगाए थे। मामला बिलासपुर जिले से सम्बंधित होने के नाते इस बात को उठाना उनका दायित्व है। गर्ग ने कहा कि बिलासपुर के मंत्री पर लगे आरोपों के बाद इस मामले की जांच करने की बात कही। पत्रकारबार्ता में सरकार तक मामला उठाया। सरकार ने जांच तो नही करवाई बल्कि बिलासपुर जिले के घुमारवीं से सम्बंधित मंत्री ने पत्रकारों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। लोकतन्त्र का गला घोंटने का कार्य मंत्री कर रहे हैं।

गर्ग ने कहा कि भ्रटाचार के खिलाफ आवाज उठाना और पत्रकारों द्वारा लिखना अगर गलत है तो आमजन समझ सकता है कि कांग्रेस सरकार की करनी और कथनी में कितना अंतर है। गर्ग ने कहा कि अगर यही रवैया कांग्रेस का रहा, पत्रकारों को भेजे गए नोटिस बापिस नही लिए गए तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि वह आज भी उसी बात को लेकर खड़े हैं जिसमे उन्होंने कहा कि जिस भी अधिकारी या मंत्री के ऊपर पैसे लेने के आरोप लगे हैं। उसकी जांच जरूरी करनी पड़ेगी। गर्ग ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे मजबूत स्तम्भ के साथ इस तरह का व्यवहार सही नही है। सत्ता के नशे में चूर होकर डराने का काम करना कांग्रेस की प्रथा बन चुकी है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पिछले दिनों कुल्लू दशहरे पर पहुंचते हैं वहां पर एक आदेश जारी होता है कि पत्रकार मुख्यमंत्री से दूर रहें तथा पिछले दिनों धर्मशाला में भी एक मीडिया हाउस पर एफ आई आर दर्ज करवाई है। यदि ऐसा तानाशाही रवैया पहली बार प्रदेश में देखने को मिल रहा है। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि शिमला में क्रूज मामले को लेकर जो आरोप गोरव गर्ग ने लगाए लगाए थे उन आरोपों की जांच मुख्यामन्त्री को नैतिकता के आधार पर करवानी चाहिए थी। लेकिन मुख्यमन्त्री मामले में चुप रहे। पत्रकारों की कलम को रोककर सचाई से भाग नही जा सकता है। आज अगर इस तरह के दबाब बनाये जाने लगे जाएं तो आमजनता का विश्वाश टूट जाएगा।

संवाददाताः सुरेंद्र जम्वाल

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