पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अवैध खनन के करोड़ों के कारोबार के सरगना ज्ञानचंद ज्ञानू के साथ मुख्यमंत्री के संबंधों पर प्रदेश की जनता के सामने स्पष्टीकरण देने के बजाय मुख्यमंत्री अपने समर्थकों से बयान दिलवा रहे हैं। यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्यों व्यास नदी के किनारे ज्ञानचंद ज्ञानू को खनन की खुली छूट दी गई, जबकि बरसात के दौरान हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा जिलों में व्यास के किनारे जब सभी क्रशर बंद थे, तब ज्ञानचंद ज्ञानू को विशेष छूट देने का कारण क्या था।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी में ज्ञानचंद ज्ञानू को सफर कराते रहे हैं और अब उनके साथ अपने संबंधों से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। राणा ने कहा कि “मुख्यमंत्री के संरक्षण में कुछ लोगों ने अपनी दरिद्रता दूर कर ली है और अब वे पत्रकार वार्ताओं में मुख्यमंत्री को ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं लेकिन असली सवाल ज्ञानचंद ज्ञानू के साथ मुख्यमंत्री के संबंधों का है, जिस पर सभी चुप्पी साधे बैठे हैं।”
उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे अपने “चेलों-चांटों” से बयान दिलवाने के बजाय खुद जनता के सामने आकर स्पष्ट करें कि इस पूरे मामले में उनकी क्या भूमिका है। राणा ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश की जनता का अधिकार है कि उन्हें मुख्यमंत्री और ज्ञानचंद ज्ञानू के संबंधों की सच्चाई का पता चले। राणा ने इस मामले को प्रदेश के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की चुप्पी पूरे मामले को संदिग्ध बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री ने इस पर शीघ्र जवाब नहीं दिया तो जनता उनके खिलाफ सवाल खड़े करेगी और सच्चाई सामने लाने के लिए आंदोलन की स्थिति पैदा होगी।