जनादेश का अपमान कर सुक्खू ने प्रदेश को किया कंगाल : राणा

उज्जवल हिमाचल। सुजानपुर

पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की जनता ने चुनावी गारंटीयां पूरी करने और प्रदेश को खुशहाली की राह पर ले जाने के लिए कांग्रेस को जनादेश दिया था लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू ने जनादेश का अपमान करते हुए प्रदेश का खजाना मित्रों पर ही लुटाकर प्रदेश को कंगाल बनाने में कोई कसर नहीं रखी है। आज जारी एक बयान राजेंद्र राणा ने कहा कि एडवोकेट जनरल कार्यालय में अपने मित्रों की फौज खड़ी करके बेरहमी से उन पर तो पैसा लूटाया ही जा रहा है, पीजीआई में भी एक ऐसे व्यक्ति की संयोजक के रूप में नियुक्ति करके सरकारी खजाने से उसे मोटी तनख्वाह दी जा रही है , जो शिमला में ही घूमता रहता है। ऐसी कई और नियुक्तियां करके मुख्यमंत्री ने सिर्फ अपने चहेतों की सरकारी कोष से रोजी-रोटी का जुगाड़ किया है।

राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश की जनता ने सुक्खू को खजाने की चाबी इसलिए नहीं सोंपी थी कि खजाना मित्रों में ही बांट दिया जाए और सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन के लाले पड़ जाएं। राजेंद्र राणा ने कहा कि अपने साथ 20 से ज्यादा ओएसडी, सलाहकार लगाकर मुख्यमंत्री सुक्खू ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। हाई कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए गए वाटर सेस कमीशन में भी अपने मित्रों को मोटी रकम पर एडजस्ट कर दिया है, जिसका सरकारी खजाने पर करोड़ों का बोझ हर महीने पड़ रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश को आर्थिक बर्बादी के कगार पर खड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री खुद दोषी हैं और उन्हें दूसरों पर दोषारोपण की करने की बजाय अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जांच एजेंसिया यह भी जांच करेंगी कि सरकारी खजाना मुख्यमंत्री ने अपने किन-किन मित्रों पर लुटाया है और इससे प्रदेश की जनता को क्या लाभ हुआ है। राजेंद्र राणा ने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि सरकार कर्मचारियों से काम तो ले रही है लेकिन उन्हें वेतन नहीं दे पा रही है। हिमाचल में इससे पूर्व किसी भी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सरकारी खजाने की लूट का ऐसा खेल नहीं देखा गया था।
ब्यूरो रिपोर्ट सुजानपुर

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