बाप-बेटी की कुशलता अब सरकार व दानी सज्जनों के हाथ

उज्जवल हिमाचल। फतेहपुर

जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर की पंचायत हाड़ा के एक ही गरीब परिबार के बाप, बेटी को अलग-अलग बीमारी ने ऐसे जकड़ रखा है। मानो सारे संसार का दुःख इस परिवार के हिस्से में डाल दिया गया है। बता दें हरबंस के हसंते खेलते परिवार को न जाने करीब चार वर्ष पूर्व किसकी नजर लग गई कि पहले बाप ने बिस्तर पकड़ा फिर बेटी ने।

बाप हरबंस लाल करीब 58  वर्षीय पिछले करीब 4 वर्षाें से अधरंग की बीमारी से जूझ रहा है, तो वहीं बेटी करीब बिंदु बाला करीब 19 वर्षीय को कैंसर जैसी घातक बीमारी ने अपनी जकड़ में ले लिया। अब तो परिवार के हालात यह हैं कि दोनों मरीजों की देखभाल व उनकी दवाई का इंतजाम करना किसी पहाड़ से कम नहीं लग रहा है।

पीड़ित हरबंस की पत्नी सोमा देबी ने बताया पंचायत की तरफ से करीब 12-13 वर्ष पूर्व उन्हें मकान की सुविधा के लिए एक क़िस्त जारी कर दी थी, लेकिन परिस्थितियां अनुकूल न होने के चलते वाेे मकान का कार्य शुरू नहीं करवा पाए, बल्कि ईंटे ही मंगवा पाए थे।

बताया इसके अलावा स्थानीय विधायक ने 50 हजार रु की मदद करवाई थी, लेकिन बीमारी के चलते वाे मदद भी नाकाफी रही। बताया मौजूदा पंचायत ने उन्हें आईआरडीपी में शामिल करते हुए आयुष्मान कार्ड बनबाया है, लेकिन चंडीगढ़ में चल रहे बेटी के इलाज के लिए कुछ दवाइयां बाहर से भी लानी पड़ती हैं, जिस कारण उन्हें पैसों की जरूरत होती है। उन्होंने शासन, प्रशासन व दानी सज्जनों से गुहार लगाई है कि इस गरीब व असहाय परिवार की आर्थिक मदद की जाए, ताकि एक ही कमरे के कच्चे मकान में रह रहे दो मरीजों की कुशलता बनाई रखी जा सके।

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वहीं, पंचायत प्रधान मनीषा शर्मा व उपप्रधान जरनैल सिंह ने बताया जब बो पिछली पंचायत के कार्यकाल में वार्ड सदस्य व उपप्रधान थे, तब उक्त परिवार को मकान की सुविधा देने के लिए एक क़िस्त जारी करबा दी थी, लेकिन उसके बाद इन्होंने कोई भी बौचर जमा नहीं करवाए, जिसके चलते उन्हें अगली किश्ते नहीं मिल सकी। इसके अलावा विधायक द्वारा भी उक्त परिवार की 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद की गई है।

इसके अलावा उक्त परिवार को आईआरडीपी का लाभ देते हुए आयुष्मान हैल्थ कार्ड बनबाया गया है। इसके साथ ही बीमार बेटी का सहारा योजना के तहत फरवरी माह में फार्म भरकर स्बास्थ्य विभाग के पास जमा करवा दिए गए हैं। हो कुछ भी लेकिन मौजूदा समय में परिवार की स्थिति काफी दयनीय है। इसके साथ ही पंचायत प्रधान, उपप्रधान ने कहा आगे भी जो भी सहायता पंचायत या निजी स्तर पर बनेगी बो जरूर करेंगे।