राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन

सुरिंद्र जम्वाल। बिलासपुर

हिमाचल राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर स्वामी विवेकानंद राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं में प्राध्यापकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए छह वर्षों से लंबित यूजीसी स्केल न मिलने पर अपनी नाराज़गी जताई है। प्राध्यापकों ने विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकर गेट मीटिंग की। प्रदेश एचजीसी टीए के संयुक्त सचिव प्रो.अनित शर्मा ने कहा कि देश में पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश को छोड़कर प्रदेश के सभी राज्यों में यूजीसी स्केल दिया जा चुका है।

  • छह वर्षों से यूजीसी स्केल ना मिलने से प्राध्यापक नाराज़
  • प्रदेश केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर आयोजित की गेट मीटिंग

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिमाचल प्रदेश एक पूर्ण राज्य होते हुए इसका अपना पे-कमीशन नहीं होने के कारण यह पंजाब सरकार के ऊपर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 70 महाविद्यालयों में खाली पड़े प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं, जो शिक्षा की गुणवत्ता तथा महाविद्यालयों को नैक की एक्रीडिटेशन करवाने की दिशा में मुख्य बाधा है। प्राध्यापकों ने एमफिल-पीएचडी के इंक्रीमेंट्स देने, प्रोफेसर के पद सृजित करने, 2009 में नियुक्त हुए अध्यापकों को नोशनल लाभ ना देने तथा कई अन्य समस्याओं का समाधान न होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए प्राध्यापक दिन-रात कर मेहनत कर रहे हैं तथा प्रदेश सरकार को भी उनके हितों का भी ध्यान रखना चाहिए। इस बैठक प्रो. टीआर सिंह, प्रो, प्रीतम लाल, प्रो. पीएल, जनेऊ, प्रो. बच्चन सिंह, डॉ ज्योति प्रभा, प्रो.सुरेश शर्मा, डॉ.नित्तम चंदेल, डॉ.महेन्द्र कुमार, डॉ. जसवंत सैनी व प्रो. राजेंद्र कुमार तथा ईकाई के सभी सदस्य उपस्थित थे।