उज्जवल हिमाचल। नालागढ़
पेसापालो एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीप चंद शर्मा ने कहा कि पेसापालो खेल को सरकार ने इसे स्कूल स्तर पर कराने की मान्यता दे दी है। 66वें गेम कलेंडर में पेसापालो खेल को 8वां नंबर दिया गया है। सरकार की ओर से स्कूल में इसकी मान्यता मिलने से अब हिमाचल में इस खेल का भविष्य उज्जवल है। देश में 2008 से यह खेल शुरू हुआ है। लेकिन यह अभी तक दक्षिण भारत में इसका बोलबाला रहा है। वर्ष 2016 में हिमाचल के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र के दो खिलाड़ी प्रकाश ठाकुर और शालू शर्मा ने केरल में प्रशिक्षण लेकर इस खेल की शुरूआत की।
दोनों खिलाड़ी पहले इंडिया कैंप में खेले। उसके बाद दोनों इंडिया टीम के कप्तान रहे और फिनलेंड में हुई अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधत्व किया। वर्तमान ने शालू शर्मा वन विभाग में वन रक्षक बन गई है। वहीं प्रकाश ठाकुर दोबारा होने वाली अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत की ओर से भाग लेगे।
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पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि पेसापालो खेल में हिमाचल का भविष्य उज्जवल है और राजस्थान में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में महिला वर्ग में हिमाचल की टीम ने रजत पदक जीता वहीं बिलासपुर में हुई 13वीं राष्ट्रीय पेसापालो प्रतियोगिता में हिमाचल की महिला टीम ने गोल्ड और पुरूष टीम ने रजत पदक जीता।
वहीं अंडर 18 में हिमाचल की टीम ने प्रतियोगिता में भाग लिया। अंडर 12 वर्ग बालिका वर्ग में गोल्ड और बालक वर्ग में रजत पदक जीता है। आने वाले समय में हिमाचल का भविष्य पेसापालो खेल में काफी उज्जवल है और अगर अंडर 12 से ही इस खेल की तैयारी होगी तो जब तक खिलाड़ी 20 वर्ष की आयु तक जाएंगे तो इसमें पूरी तरह से परिपक्व हो जाएंगे। जिससे हिमाचल इस खेल में देश में अपना वर्चस्व बनाएगा। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव सतपाल शर्मा, बीडीसी सदस्य सुरेंद्र सैनी, रमेश ठाकुर, अर्चना कौंडिल्य समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।