मनीष ठाकुर। कुल्लू
प्रदेश में लॉकडाउन के चलते जहां रोजाना बाहरी राज्यों से लोगों को वापस चलाया जा रहा है, तो वहीं बीते दिनों भी कश्मीरी मजदूरों को वापस भेजा गया, लेकिन अब बिहार के मजदूर भी कुल्लू से पैदल ही जाने की अनुमति प्रशासन से मांग रहे हैं। जिला मुख्यालय ढालपुर में बिहार के मजदूरों का एक दल जिला प्रशासन के कार्यालय पहुंचा। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन से बिहार जाने के लिए भी अनुमति मांगी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मजदूर भी
भड़क गए।
उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सरकार उन्हें घर जाने की अनुमति नहीं देती है, तो मैं कुल्लू से पैदल ही बिहार की ओर रवाना हो जाएंगे। मजदूरों का कहना है कि डेढ़ माह से अपने कमरों में बंद है और अब उनके पास राशन खरीदने के भी पैसे नहीं बचे हैं। उन्होंने कोई काम नहीं किया है और कुछ मजदूर तो दिन में एक समय ही भोजन कर रहे हैं, ताकि वे जिंदा रह सके। उन्होंने बताया कि सभी मजदूर मिल कर प्रशासन से बिहार जाने की अनुमति लेने के लिए गए थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें 8 दिनों के बाद आने को कहा ऐसे में अब उनके यहां खाने-पीने की चीजों पर भी संकट आन पड़ा है।
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मजदूर का कहना है कि वे यहां पर कमरों में सारा दिन बंद रहते हैं और एक समय ही खाना खा रहे हैं। ऐसे में उन्हें जल्द घर भेजा जाए नहीं तो वे भूख से ही मर जाएंगे। वहीं, मजदूर का कहना है कि अगर सरकार उन्हें यहां से नहीं निकालती है, तो वह बिना भोजन व काम के यहां नहीं रह पाएंगे या तो सरकार उन्हें यहां से घर वापस भेजें या फिर उनके लिए व्यवस्था करें। गौर है कि उनके लॉकडाउन तीसरे चरण में कुछ विकास कार्य को अनुमति दे दी गई है, लेकिन अभी भी कई ऐसे निर्माण कार्य है, जो ठप पड़े हुए हैं। ऐसे में काम न मिलने के चलते मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट आन पड़ा है