मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार की गारंटी धराशाही

उज्जवल हिमाचल। फतेहपुर

साल भर में 100 दिन का रोजगार देने वाली महत्बकांक्षी योजना मनरेगा उपमंडल फतेहपुर की पंचायत खेहर में दम तोड़ती नजर आ रही है। बता दें पंचायत खेहर के वार्ड-6 में बीमारी से ग्रस्त परिवार के दो जॉब कार्ड धारकों को पंचायत के कार्यकाल में मात्र 30 दिन का ही रोजगार मिल पाया है, जिस कारण प्रभावित परिवार को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। परिवार की महिला जॉब कार्ड धारक रेखा देबी ने बताया उसका पति करीब अढ़ाई वर्ष पूर्व अधरंग की चपेट में आ गया था, जिनकी अभी तक टांडा मेडिकल कॉलेज की दवाइयां चल रही हैं।

बताया दो नन्ही -नन्ही बच्चियों व बीमार पति का खर्च बहन करना अब किसी मुसीबत से कम नहीं लग रहा है। बताया उन्होंने कई बार पंचायत से उन्हें मनरेगा में रोजगार देने की गुहार लगाई, लेकिन मात्र दो मस्टरोल का ही रोजगार आज दिन तक उन्हें मिल पाया है। बताया उनके पति का भी मनरेगा जॉब कार्ड बना हुआ है, लेकिन उन्हें अभी तक रोजगार नहीं मिल पाया है। बताया कुछ दिन पूर्व भी उन्होंने मनरेगा में रोजगार के लिए पंचायत को कहा था, लेकिन उनके अपने ही वार्ड में घर के नजदीक भी काम लगने पर उसे नहीं लगाया गया।

उन्हाेंने बताया कि उनका परिवार पंचायत की तरफ से बीपीएल में तो डाल रखा है, लेकिन उन्हें न आज दिन तक मकान की और न ही शौचालय की सुविधा मिल पाई है। इस पर जब पंचायत प्रधान मीनाक्षी धीमान के साथ बात की, तो उनका अटपटा जबाव की वार्ड-6 के मनरेगा मजदूरों की लिस्ट मौजूदा समय में चल रहे काम के लिए भेजी गई थी, लेकिन 60 वर्ष से ज्यादा उम्र होने के चलते मात्र 3 लोगों के नाम की ही सहमति मिली थी, जिनमें एक ही मजदूर काम पर आ रहा है, लेकिन रेखा देबी की उम्र करीब 30 वर्ष ही है, तो फिर उसके नाम पर स्वीकृति क्यों नहीं मिली।

इससे ऐसा लगता है कि पंचायत ने रेखा देबी व उसके पति का नाम लिस्ट में डाला ही नहीं होगा। वहीं, जब पंचायत सचिव सतविंदर सिंह के साथ बात की, तो उन्होंने कहा इनको मकान की सुविधा मिले। इसके लिए ऑनलाइन रिपोर्ट भेजी हुई है। वहीं, अब जब सीमेंट आएगा, तो आगे लगने वाले मनरेगा कार्य के लिए उक्त परिवार के जॉबकार्ड धारक को रोजगार उपलब्ध करवा दिया जाएगा।