स्वास्थ्य विभाग मंडी हुआ हाईटेक, मिनटों में हो रहा घंटों का काम

पांच स्थानों से नेरचौक मेडिकल कॉलेज ड्रोन से पहुंच रहे हैं सैंपल

Health Department Mandi became hi-tech, hours of work being done in minutes
जिला के अन्य स्थानों पर भी सफल हो चुके हैं ड्रोन के ट्रायल

उज्जवल हिमाचल। मंडी

आज आधुनिकता और विज्ञान का दौर है और नए दिन नई तकनीक के माध्यम से लोगों को सुविधा भी हो रही है। ऐसी ही तकनीक के जरिए अब हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी आई है। जहां मंडी के नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में विभिन्न स्थानों से ब्लड आदि के सैंपल जांच के लिए ड्रोन के माध्यम से पहुंच रहे हैं। इससे जहां विभाग का गाड़ियों का खर्च बचा है वहीं ड्रोन से समय की भी बहुत बचत हो रही है। सीएमओ मंडी डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी पहले चरण में मंडी जिला के जोगिंद्रनगर, सरकाघाट और जोनल अस्पताल मंडी से नेरचैक मेडिकल कॉलेज के लिए विभिन्न प्रकार के सैंपल ड्रोन के माध्यम से भेजे जा रहे हैं।

उन्होंने माना है यह एक बहुत ही सस्ता ट्रांसपोर्ट का माध्यम बना है जिससे मंडी जिला के दूरदराज के क्षेत्रों में भी जरूरी दवाइयां, सैंपल आदि एक स्थान से बैठकर ही भेजे और रिसीव किए जा सकते हैं। देवेंद्र शर्मा ने बताया कि आने वाले समय में मंडी जिला के करसोग, जंजैहली, बगस्याड़, निहरी आदि क्षेत्रों में भी ड्रोन की सहायता से जनता तक स्वास्थ्य की सुविधा पहुंचाई जाएगी।

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सीएमओ मंडी डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने बताया कि जिला मंडी में स्वास्थ्य विभाग में ड्रोन के इस्तेमाल का प्रपोजल विभाग ने सरकार को करीब डेढ़ वर्ष पहले भेजा था। जिसके बाद सरकार ने भी जनहित में इस योजना को मंजूरी दी व इसे आगे बढ़ाया और इसके बाद जिला के दूरदराज के स्थानों में इसका सफल ट्रायल किया गया।

इसके बाद स्काई एयर व क्रसना लैब के साथ करार किया गया और यहां पर इस सुविधा का लाभ लोगों को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंडी में हब एंड स्पोक मॉडल के तहत 26 हब व 105 स्पोक्स स्थापित किए जाएंगे और जिला में कई स्थानों से ड्रोन के माध्यम से सैंपल व जरूरी दवाइयों को तुरंत पहुंचाया जा सकेगा।

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में पहले भी कोरोना के समय में ड्रोन एक बेहतर माध्यम बना जिससे बहुत ही कम खर्च में जिला के ऐसे दूरदराज के क्षेत्र में सेवाएं दी गई जहां पर पहुंचने में एक दिन भी लग जाता है। ऐसे में आने वाले समय में ड्रोन इस क्षेत्र में और ज्यादा मददगार साबित हो सकता है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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