जानें क्याें तिलमिलाया हिमाचल राजकीय शिक्षक संघ

उज्जवल हिमाचचल। कांगड़ा

चुनाव आयोग द्वारा कुछ शिक्षक कर्मियों को अनुशाशनात्मक कार्यवाही के नाम पर अपनी सेवा से सस्पेंड करने पर हिमचल राजकीय अध्यपक संघ लाल हो गया है। शिक्षक कर्मचारियों की सस्पेंशन को गैर कानूनी बतासे हुए संघ के राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महामंत्री शाम लाल हांडा व चेयरमैन सचिन जसवाल ने कहा है कि शिक्षा विभाग के टीचिंग ओर नॉन टीचिंग कर्मचारी अपने विभाग का कार्य मेहनत से करते हुए चुनाव आयोग के कार्य को ईमानदारी से करते हैं। यही नही, पंचायत स्तर के चुनावों में तो शिक्षक हजारों प्रत्याशियों के नाम भी दो या तीन दिन के भीतर रात रात भर जाग कर वेलेट पेपर पर लिखते हैं।

यही नहीं, बिना खाए- पीए सुबह 6 बजे अपने चुनाव आयोजन होने वाले बूथ पर पहुंच कर दिन भर चुनाव संचालन कर रात को एक या दो बजे जा कर चुनावी गणना करवा कर फ्री होते हैं। उक्त नेताओं ने कहा कि सारा सामान खुद कंधे पर उठा कर कर्मचारी बूथों पर पहुंचते हैं। ऐसे में कई जगह छोटी मोटी अगर गलती हो जाती है, तो चुनाव हेतु नियुक्त प्रभारी इसका सारा जिम्मा चुनावी टीम के सिर फोड़ देते हैं। ऐसे में चुनाव के समय प्रदत्त विशेष शक्तियों का दुरप्रयोग अधिकारियों द्वारा जम कर किया जाता है व चुनाव कार्यप्रणाली के बहाने इन अधिकारियों द्वारा निजी रंजिशें निकलने की भी कोशिश की जाती है। अतः शिक्षककों को कार्यवाही के नाम पर सस्पेंड करना गलत बात है।

उनकी बात सुनी जानी चाहिए। विभाग को उन कारणों का पता लगाना चाहिए, जिन के कारण कर्मचारी से गलती होने का अंदेशा रहता है और इन के निदान कर चुनाव में व्यस्त कर्मचारियों को राहत प्रदान करनी चाहिए, ताकि ये प्रक्रिया शुचारु रूप से सम्पन्न की जा सके। अन्यथा कर्मचारी डर कर कार्यवाही के कारण इस लाजमी ड्यूटी को करने से कतराते हैं। उक्त नेताओं ने कहा है कि संघ ने आपात बैठक कर आयोग द्वारा इन कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही की निंदा की है। उधर, चुनावी कर्मचारियों द्वारा कांगड़ा सहित अन्य जिलों से भी अपने उच्च अधिकारियों के द्वारा किए जा रहे दुरव्यवहार और निरंकुशता की शिकायतें की गई थी, परंतु अधिकतर जिलाधीशों, उपमंडलाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों द्वारा द्वारा कूड़े के ढेरों में ये शिकायतें डाल दी गईं, जबकि अपनी ओर से के ईमानदार कर्मचारियों पर कार्यवाही की तलवार चला दी।

संघ की आवश्यक बैठक में संघ के पदाधिकारियों इस अवसर पर राजकीय अध्यापक संघ के राज्य चेयरमैन सचिन जसवाल, महासचिव श्याम लाल हांडा, चीफ पैटर्न अरुण गुलेरिया, पैटर्न सरोज मेहता, मनोहर शर्मा, दिलेर जामवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव ठाकुर, राज्य प्रेस सचिव संजय चौधरी, कमलराज अत्री, वित्त सचिव देव राज ठाकुर, उपाध्यक्ष गोविंदर पठानिया, नरेंद्र गौरव, रमेश कीमटा, मीडियस प्रभश्री कैलाश ठाकुर, मुख्य सलाहकार कपिल पाबला, कार्यालय सचिव सुरिंदर मुखसिक सहित आयोजन जिला समिति एवं जिला अध्यक्ष मंडी तिलक नायक, रोशन लाल कपूर ओर समस्त जिला प्रधानों में चंबा के हरि प्रसाद, ऊना के डॉक्टर किशोरी लाल, हमीरपुर के सुनील शर्मा, बिलासपुर के राकेश संधू, शिमला के महावीर कैंथला, कांगड़ा के नरदेव ठाकुर, सिरमौर के राजीव ठाकुर, कुल्लू के यशपाल शर्मा, लाहुल स्पिति से पालम शर्मा, किन्नौर से राधाकृष्ण, मंडी से तिलक नायक, मुख्य सलाहकार अरुण गुलेरिया व कांगड़ा महासचिव सुमन चौधरी सहित विभिन्न जिलों से शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद रहे व एकमत से सभी ने इस कार्यवाही की निंदा करते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।