हिमाचल: स्वयं सहायता समूहों के ठाठ-बाठ बना रही है ग्रामीण हाट

मंडी शहर के सेरी मंच पर सप्ताह में दो दिन सजती है ग्रामीण हाट

उज्जवल हिमाचल। मंडी

मंडी शहर के सेरी मंच पर सप्ताह में दो दिन सजने वाली ग्रामीण हाट स्वयं सहायता समूहों के साथ जुड़ी महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने में मददगार साबित होती हुई नजर आ रही है। हर सप्ताह शुक्रवार और शनिवार को सेरी मंच पर यह ग्रामीण हाट सजती है जिसमें गांव और शहरी क्षेत्रों की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं खुद द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को बेचने के लिए यहां लाती हैं।

इनमें हाथ से बुनी हुई स्वेटरें, जुराबें, बच्चों के सेट, विभिन्न प्रकार के अनाज का आटा, आचार, चटनी, झाडू, बड़ियां, नमक, दालें, सिड्डू, कचौरी, भल्ले, बाबरू, सीरा, अनारदाना, मक्की की रोटी-साग और अन्य प्रकार के घरेलू उत्पाद शामिल हैं। महिलाओं ने बताया कि सप्ताह में दो दिन सजने वाली इस ग्रामीण हाट में उनकी अच्छी बिक्री हो जाती है और वे अच्छी आजीविका कमा रही हैं। वहीं, समूहों के साथ जुड़ी अन्य महिलाएं भी इस ग्रामीण हाट के माध्यम से घर बैठे आमदनी कमा पा रही हैं।

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ग्रामीण हाट को लेकर लोगों में भी खासा उत्साह देखने को मिलता है। लोग सप्ताह में दो बार सजने वाली इस ग्रामीण हाट में आकर खरीददारी करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें यहां शुद्ध और घरेलू उत्पाद खरीदने को मिलते हैं। यही नहीं पडोसी जिलों के लोग भी अब यहां आकर खरीददारी करने लगे हैं। कांगड़ा जिला से आई महिलाओं ने बताया कि उन्हें ग्रामीण हाट में घरेलू उत्पाद खरीदकर काफी अच्छा लगा।

नगर निगम मंडी के उपमहापौर वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि नगर निगम द्वारा इन महिलाओं को यह स्थान निशुल्क उपलब्ध करवाया गया है ताकि इनके आर्थिक उत्थान में मदद की जा सके। ग्रामीण हाट एक ऐसा स्थान है जिसके उत्पाद हर व्यक्ति खरीदना चाहता है। इसमें ग्रामीण और शहरी आजीविका मिशन के तहत गठित दर्जनों स्वयं सहायता समूह शामिल हैं।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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