हिमाचलः बेखौफ अवैध खनन माफिया रोज कर रहे धरती का सीना छलनी

नरेश धीमान। योल

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित ऐतिहासिक मंदिर चामुंडा नंदीकेश्वर धाम के समीप आए दिन अवैध खनन धारी बेखौफ और निडर होकर दिन-रात बनेर खड्ड का सीना चीर कर अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। प्रदेश सरकार की लाखों-करोड़ों की संपत्ति की चोरी करते हैं। यहां पर रोजाना 5 से 6 ट्रैक्टरां और 25 से 30 खच्चरां, घोड़ों इत्यादि से अवैध खनन किया जाता है।

यहां पर लगभग 100 से 150 मीटर के दायरे में पुलिस चौकी है। इनको ना पुलिस का डर है, ना प्रशासन का डर है और ना आम जनता का डर है। यह दिन-रात यहां पर अवैध खनन करते रहते हैं जो कि बिल्कुल गलत बात है। यहां अवैध खनन करने से, जो कूल्हे हैं उनको खतरा बना रहता है।

उनका जलस्तर नीचे गिर जाता है और जो सरकार के द्वारा लाखां-करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए पुल हैं, नहरे हैं, उनको भी खतरा बना रहता है। खनन करने से उसके आसपास की जमीन जो खेती अब्बल है, वहां पर पानी नहीं पहुंच पाता है और वहां पर भूस्खलन, लैंड स्लाइडिंग हो जाता है।

बार-बार मिल रही शिकायतों के बाद आज सुबह 4ः45 बजे जब पदर पंचायत के उपप्रधान बॉबी गोस्वामी ने जब आज खुद दौरा किया और देखा कि अपनी जमीन के साथ जो सड़क है, उसके आसपास 15 से 20 ढेर रेत, बजरी और पत्थर के लगा रखे थे और वहां पर दो ट्रैक्टर रात के अंधेरे में रेत-बजरी को अपने ट्रैक्टर में भर रहे थे।

ग्राम पंचायत पदर के उपप्रधान बॉबी गोस्वामी ने बताया की यह मेरे वहां पर पहुंचने पर भी इन लोगों को किसी प्रकार का कोई डर नहीं था कि हमारा चालान हो जाएगा, हम पकड़े जाएंगे, हमें पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। यह लोग दिन-रात आराम से रेत, बजरी, पत्थरों को ट्रैक्टर में डाल रहे हैं।

इन्हें ना चालान का डर है, ना इनके ऊपर होने वाली कार्रवाई का डर है। उप प्रधान का कहना है कि पुलिस और प्रशासन इन पर अंकुश लगाए और इन पर पूरी कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि धर्मशाला के पाशू ,बगली, चेतरू पंचायतों में जो चरान खड के द्वारा बादल फटने से जो नुकसान हुआ था वैसे ही घटना यहां के विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक चामुंडा मंदिर में ना हो पाए।

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