
उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
राज्य के बागवानी विभाग ने 1293 करोड़ रुपए से विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित हिमाचल प्रदेश बागवानी परियोजना (एचपीएचडीपी) के अंतर्गत फल संतति एवम प्रदर्शन केंद्र जाच्छ (नूरपुर) में लगभग 13 कनाल क्षेत्र ने आम की छः नई किस्मों के साथ 605 पौधों का बगीचा तैयार किया है।
जिसमें पूसा अरुणिमा, पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठा, मल्लिका तथा चौंसा किस्में तैयार की गई हैं। विभाग ने भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र नई दिल्ली से इन पौधों की कलमें लाकर पीसीडीओ केंद्र, जाच्छ में पौधों को तैयार किया गया है। इनकी सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम भी लगाया गया है।
परागन के लिए यहां मधुमक्खियों के लिए प्राकृतिक मड हाउस बनाए गए हैं। विभाग ने इन किस्मों के अब तक 2500 पौधे तैयार किये हैं। इन पौधों को विभाग क्लस्टर में बागवानी कर रहे किसानों को मुहैया करवाएगा। इसके अतिरिक्त विभाग ने इस वर्ष आम, लीची, किन्नू, गलगल, पपीता तथा कटहल सहित अन्य फलों के 30 हज़ार पौधे तैयार कर बागवानों को उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है।
जिससे बागवान आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से आम के साथ अन्य फलों की खेती कर सकेंगे। रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए इस केंद्र में मनरेगा के तहत पंजीकृत लोगों को नर्सरी में काम के लिए लगाया जाता है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार के साथ बागवानी बारे तकनीकी ज्ञान भी प्राप्त हो रहा है।
वहीं नई किस्म के तैयार होने से हाई डेंसिटी बागवानी करते समय अब पौधे से पौधे की दूरी 3 मीटर के करीब रख कर भूमि पर 44 पौधे लगाए जा सकते हैं। इस योजना से अब किसान अपनी सीमित भूमि से भी अधिक उत्पादकता के साथ ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।
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आम की इन हाइब्रिड किस्मों में फल ऑफ सीजन यानी सिंतबर में तैयार होता है जोकि सिंदूरी और लाल रंग का होगा। इसके साथ ही आम के शौकीनों को नया स्वाद मिलेगा। इस मामले में बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि वर्ष 2021 में विभाग ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा (नई दिल्ली) से आम की इन किस्मों की कलमें लाकर पीसीडीओ केंद्र, जाच्छ में बगीचा लगाकर पौधों की नई किस्में तैयार की है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सूक्खु प्रदेश को फल राज्य के तौर पर नई पहचान दिलाने के साथ बागवानों को आर्थिंक रूप से समृद्ध बनाने के लिये बागवानी विकास को विशेष प्राथमिकता दे रहे हैं। राज्य में फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए फल क्लस्टर/हब विकसित करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने कार्य शुरू करने की पहल की है। जिसके तहत हाई डेंसिटी प्लांटेशन और माइक्रो इरीगेशन सिस्टम को विकसित किया जाएगा।