हिमाचल के सुरिंद्र कुमार ने 38 हज़ार ज़हरीले सांपों को किया रेस्क्यू

सुरिंद्र कुमार को 38 बार काट चुके हैं ज़हरीले सांप

उज्जवल हिमाचल। परवाणू

प्रदेश की पुरानी औद्योगिक नगरी परवाणू के प्रदेश के शिक्षा विभाग में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे डिस्ट्रिक्ट फिसिकल ऑफिसर सुरिंद्र कुमार आज तक लगभग 38 हज़ार ज़हरीले साँपों को पकड़ चुके हैं जिसमें 12031 कोबरा, 9022 रेसर, 8010 रसल व 9000 अन्य सांप और इस दौरान उन्हें ज़हलीले साँपों द्वारा 38 बार काटा गया।

एक बार कोबरा के काटने पर इनको हॉस्पिटल ले जाया गया तो डॉ. ने बचने की उम्मीद छोड़ दी थी और जनता की दुआओं से बच गए। इस हादसे के बाद इनकी पत्नी ने इन्हें सांप पकड़ने से मना कर दिया था परन्तु उनका हौसला आज भी पूरी तरह कायम है।

घर में पत्नी के इलावा दो बेटियां हैं। बात करने पर उन्होंने बताया कि बचपन में जब वे नौवी कक्षा में पड़ते थे तब क्लास में एक बच्चे के बैग में सांप निकल आया था तब स्कूल में भगदड़ मच गयी थी परंतु इन्होंने पहली बार सांप पकड़ा था तब से आज 44 वर्षाे तक ये सिलसिला जारी है।

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इस समय परवाणू के डिस्ट्रिक्ट फिसिकल ऑफिसर सुरिंदर कुमार सहजल हिमाचल स्कूल स्पोर्ट्स एजुकेशन और मास्टर एथेलेटिक्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिआ के सदस्य हैं। सुरिंद्र कुमार को उनके शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े-बड़े अवॉर्ड मिल चुके हैं और जनता की साँपों से रक्षा करने और साँपों को पकड़ने के लिए उन्हें प्रदेश सरकार की और से गवर्नर अवॉर्ड से सम्मनित किया जा चुका है और लगभग 700 से अधिक समाज सेवी संस्थाएं उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।

डिस्ट्रिक्ट फिसिकल ऑफिसर व स्नेक केचर सुरिंद्र कुमार सहजल ने अपने जीवन पर बात करते हुए बताया कि वह इस समय डिस्ट्रिक्ट फिसिकल ऑफिसर शिक्षा विभाग के पद पर कार्यरत हैं और वह पूर्व में प्रदेश मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह व हरियाणा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से उनके उत्कृष्ट कार्यों को लेकर बड़ा सम्मान पा चुके हैं।

सुरिंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें देश की पूर्व शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी भी उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र व समाज हित में किए गए कार्यों को लेकर राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित कर चुकी हैं। सुरिंद्र कुमार ने कहा कि वह साँपों को पकड़ने का कार्य नौंवीं कक्षा से करते आ रहे हैं और उन्हें आज पुरे 44 वर्ष पुरे हो चुके हैं इस क्षेत्र में जनता की सेवा करते हुए।

और इस लम्बे सफर के दौरान उन्हें 38 से भी अधिक बार ज़हरीले साँपों ने पकड़ते वक्त काटा है परन्तु फिर भी आज वह जीवित रूप में अपने सेवाएं दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह यह कार्य फ्री ऑफ़ कॉस्ट करते हैं।

संवाददाताः अमरप्रीत सिंह पुंज

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