उज्ज्वल हिमाचल। नूरपूर
नूरपूर प्रदेश के नूरपुर विधान सभा क्षेत्र की पंचायत थोड़ा के तहत चकबन क्षेत्र से भारी संख्या में खैर व अन्य किस्म के भारी भरकम पेड़ों के कथित कटान होने की चर्चाएं क्षेत्र में चर्चित है। बताया जाता है कि यह इलाका खैर वृक्षों के अधिकृत कटान के लिए वन विभाग द्वारा खोला गया था लेकिन निजी भूमि में लगे पेड़ों के कटान की आड में साथ लगती वन भूमि से भी खैर सहित अन्य किस्म के काफी संख्या में पेड़ कांटे जाने का पर्दा फाश होने पर स्थानीय लोगों द्वारा यह मामला अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ के ध्यान में लाया गया जिस पर संस्था ने वन विभाग नूरपुर को इस कथित कटान की व्यापक जानकारी दी।
इस मामले में वन मंडल अधिकारी अमित शर्मा नूरपुर द्वारा उक्त शिकायत के मिलने के बाद एक टीम का गठन जांच हेतु किया गया था, जिसमें जांच के दौरान इस क्षेत्र में अवैध कटान की पुष्टि हुई। विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ 1 लाख 25 हज़ार रुपए का जुर्माना इस मामले में लगाया गया।
पहले तो विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया लेकिन जब अवैध कटान के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए तो विभाग नींद से जगा तथा जांच के आदेश दिए। गौरतलब है कि यहां पर भारी संख्या में अवैध कटान निजी कटान की आड़ में हुआ है तथा काफी जगह पर वृक्षों की जड़ों तक को समूल खत्म कर दिया गया ताकि कटान का प्रमाण ही मिट जाए। उच्च स्तरीय जांच से ही इस अवैध कटान के पूरे तथ्य उजागर हो सकते अगर विभाग इस मामले में ग़ैर राजनीति नजरिए से कार्यवाही करें। यह जानकारी राजेश पठानिया सह निदेशक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ (हिमाचल प्रदेश) राजेश पठानिया ने आज अपने वक्तव्य में दी।
संवाददाता : विनय महाजन