किसान-बागवान वैज्ञानिक तकनीकों को अपना कर बढ़ाएं अपनी आमदनीः- राकेश पठानिया

कांगड़ा ज़िला में बागवानी कार्यों पर पौने पांच वर्षाे में 45 करोड़ रुपए व्यय

Increase your income by adopting scientific techniques:- Rakesh Pathania
किसान-बागवान वैज्ञानिक तकनीकों को अपना कर बढ़ाएं अपनी आमदनीः- राकेश पठानिया

नूरपुरः- हिमाचल प्रदेश के वन, युवा, सेवाएं एवम खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा है कि लोग आधुनिक तकनीक से कृषि और बागवानी के तरीकों को अपनाएं। जिससे वे अपनी कम जमीन में ज्यादा पैदावार लेने के साथ-साथ उच्च दाम व ज्यादा मुनाफा मिल सके।

यह जानकारी उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व केंद्रीय कटाई-उपरांत अभियांत्रिकी एंव प्रौद्योगिकी संस्थान लुधियाना, पंजाब तथा बागवानी निदेशालय हिमाचल प्रदेश के सयुंक्त तत्वावधान में भारत सरकार की अनुसूचित जाति उप-योजना के अन्तर्गत केंद्रीय बागवानी अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र जाच्छ में आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए दी।

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इस अवसर पर बागवानी उपनिदेशक कमलशील नेगी, फ्रूट टेक्नोलॉजिस्ट फल विधायन केंद्र, नगरोटा बगवां, डॉ. अतुल गुप्ता, सह निदेशकए क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, जाच्छ तथा केंद्रीय कटाई-उपरांत अभियांत्रिकी एंव प्रौद्योगिकी संस्थान लुधियाना, पंजाब की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. चंदन सोलंकी विशेष रूप से उपस्थित रहे। शिविर में विकास खण्ड नूरपुर की डन्नी पंचायत की 50 महिलाओं ने भाग लिया।

वन मंत्री ने बताया कि बागवानी विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के तहत कांगड़ा ज़िला में पौने पांच वर्षाे के दौरान 45 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर 34 हज़ार लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है। जिसमें से 12 करोड़ रुपए की राशि नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में खर्च की गई है।

उन्होंने बताया कि कृषि व बागवानी गतिविधियों को बढ़ाने के साथ-साथ सारा साल सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लदोड़ी तथा भडवार पंचायत में 10 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं, जिससे 700 किसानों को लाभ होगा।

राकेश पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों-बागवानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उनकी आय को दोगुना करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि जाइका परियोजना के तहत भी लोगों को आर्थिक तौर पर समृद्ध करने के लिए प्रयासरत है। जिसमें बागवानी कार्यों को जाइका परियोजना से जोड़कर बागवानी गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा ताकि क्षेत्र में बागवानी व कृषि गतिविधियों से नई पहचान मिलने के साथ लोगों की आमदन बढ़ सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों के आर्थिक कल्याण व उत्थान के लिए प्रयासरत है और प्रदेश के मेहनती वैज्ञानिक किसानों-बागवानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे है। इस मौके पर उन्होंने विभाग द्वारा तैयार की गई प्रशिक्षण पुस्तिका का भी विमोचन किया।

इसके पश्चात वन मंत्री ने फल संतति एवम प्रदर्शन केंद्र का भी दौरा किया। यहां पर बागवानी विभाग द्वारा तैयार की गई, आमों की विभिन्न नई किस्मों के बारे में जानकारी ली तथा इन किस्मों को तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों की प्रशंसा की। उन्होंने इस कार्य का विस्तार करने के भी वैज्ञानिकों को निर्देश दिए।

वन मंत्री ने अनुसंधान केंद्र में स्थित किसान हॉस्टल के सुधारीकरण के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। इससे पहले, बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और लोगों को बागवानी बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों-बागवानों के आर्थिक उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई हैं ताकि उनका जीवन स्तर बेहतर हो। उन्होंने लोगों से आधुनिक तरीके से बागवानी करने का आह्वान किया।

प्रशिक्षण में क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र जाच्छ के सह निदेशक डॉ. अतुल गुप्ता, डॉ. नरोत्तम कौशल, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. विपिन गुलेरिया, डॉ. हितेन्द्र पटियाल, डॉ. कलेर, डॉ. धर्मेंद्र, डॉ. रेणु ने किसानों-बागवानों को फलों और सब्जियों के वैज्ञानिक और आधुनिक तरीके को अपना कर खेती करने और उनके रख रखाब बारे जानकारी दी।

डन्नी पंचायत की प्रधान सुरेखा पठानिया, भाजपा नेता सिकंदर राणा सहित बागवानी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
संवाददाताः- विनय महाजन

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