भारत बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हबः विशाल शर्मा

उज्जवल हिमाचल। जोगिंद्रनगर

एसडीएम जोगिंद्रनगर डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने कहा कि कोविड के कठिन दौर के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभरा है, जिसके कारण देश के भीतर रोजगार के कई अवसर सृजित हो रहे हैं। एसडीएम आज आईटीआई जोगिंद्रनगर स्थित डोहग परिसर में प्रधान मंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप एवं हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के माध्यम से आयोजित रोजगार मेले में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

उन्होने कहा कि कोविड 19 के संकट भरे दौर के बाद दुनिया भर में कई बदलाव हुए हैं तथा भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। भारत अब चीन के बाद मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभर रहा है जिससे देश के भीतर रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। ऐसे में मैन्युफैक्चरिंग के इस उभरते क्षेत्र में जहां विभिन्न कौशलों में पारंगत युवाओं की भारी मांग रहेगी तो वहीं मानव श्रम शक्ति की आवश्यकता बढ़ेगी।

साथ ही कहा कि आज देश के भीतर निजी व सरकारी क्षेत्रों में भी विभिन्न कौशलों में पारंगत श्रम शक्ति की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में युवाओं से विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न कौशलों में पारंगत होने की आवश्यकता पर बल दिया। एसडीएम ने कहा कि युवाओं एवं मानव श्रम शक्ति को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने एवं पारंगत बनाने में प्रधान मंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम अहम भूमिका निभा रहा है।

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इससे न केवल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को कौशल में पारंगत होने के अवसर सुनिश्चित हुए हैं बल्कि रोजगार के अवसर पर मिल रहे हैं। उन्होने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है तथा आने वाले 10 से 15 वर्षों में दुनिया तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक व्यवस्था बनने में भी सक्षम है।

उन्होने युवाओं से सही समय पर सही प्रशिक्षण प्राप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि उन्हे स्वरोजगार के साथ-साथ रोजगार के अवसर जुटाने में असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होने भावी पीढ़ी को कौशल शिक्षा की जानकारी स्कूली शिक्षा से ही उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर बल दिया।

अप्रेंटिसशिप के तहत निजी व सरकारी उपक्रमों में कुल पदों का अढ़ाई से 15 प्रतिशत का प्रावधान

आईटीआई की प्रधानाचार्य नवीन कुमारी ने बताया कि अप्रेंटिस एक्ट-1961 के तहत वर्ष 2019 के बाद विभिन्न निजी व सरकारी उपक्रमों एवं विभागों जिनके पास 30 या इससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं उन्हे अप्रेंटिसशिप के तहत अढ़ाई से 15 प्रतिशत तक के अप्रेंटिस पदों का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।

उन्होने कहा कि अप्रेंटिसशिप के दौरान अप्रेंटिस कर्मचारी जहां नई तकनीकों से अवगत होता है तो वहीं अपने नये विचार लाने की इच्छा भी दिखाता है। साथ ही कहा कि अप्रेंटिस उद्योगों एवं सरकारी विभागों को एक विश्वसनीय कार्यबल प्रदान करने में सहायता प्रदान करती है।

उन्होने बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में कुल 275 आईटीआई जिसमें 135 निजी तथा 140 सरकारी शामिल है में लगभग प्रतिवर्ष 50 हजार प्रशिक्षु विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। अकेले आईटीआई जोगिन्दर नगर में ही चालू शैक्षणिक वर्ष में 412 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा कौशल विकास निगम के माध्यम से 10 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
इस बीच विभागों व उद्योगों को अप्रेंटिसशिप स्कीम के तहत पंजीकरण प्रक्रिया की भी विस्तृत जानकारी दी।

अप्रेंटिसशिप रोजगार मेले में इन विभागों व कंपनियों ने लिया भाग, 127 को मिला रोजगार

इस अप्रेंटिसशिप मेले में लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, श्रम एवं रोजगार विभाग, उद्योग विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, बिजली बोर्ड के अतिरिक्त मैसर्ज एलिन एप्लायंसेज बद्दी, एलिन इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बद्दी, नड्डा फूड प्रोडक्सन भांबला, सुजुकी मोटर मेहसाणा गुजरात, एलेना ऑटो इंडस्ट्रीज मोहाली इत्यादि कंपनियों ने भी भाग लिया।

इस मौके पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेले के तहत 304 युवाओं ने अप्रेंटिसशिप के लिए पंजीकृत किया। साथ ही विभिन्न नियोक्ताओं ने रोजगार मेले के तहत 127 आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार भी प्रदान किया जिसमें एलिना ऑटो मोहाली ने 40, एलिन अप्लायंसेज लिमिटेड ने 11, नड्डा फूड प्रोडक्सन ने 18, आनंद टोयोटा ने 30 तथा मारुति सुजुकी ने 28 युवाओं को चयनित किया है।

संवाददाताः जतिन लटावा

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