पंचायत की मेहरबानी से तीन वर्ष तक खाया गरीबों का राशन

उज्जवल हिमाचल। फतेहपुर

जिला कांगड़ा के विकास खंड फतेहपुर की एक पंचायत का बाशिंदा (सरकारी कर्मचारी) लगभग पौने तीन वर्ष गरीबों का राशन हड़पता रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार विकास खंड मुख्यालय की एक नजदीकी पंचायत का बाशिंदा गत 2017 में वन विभाग में रेगुलर हो गया था, लेकिन इसके बाद भी पंचायत की मेहरबानी के फूल उक्त सरकारी कर्मचारी पर बरसते रहे, जिस कारण करीब पौने तीन वर्षाें वन विभाग में रेगुलर नाैकरी कर रहा सरकारी कर्मचारी पंचायत के आशीर्वाद से अंत्योदय का
राशन डकारता रहा। बता दें कुछ दिन पूर्व उक्त सरकारी कर्मचारी के भाई की पंचायत मुखिया से अनबन हो गई।

इसी खुन्स में गत दिवस उक्त दिव्यांग सरकारी कर्मचारी को अंत्योदय के लाभ से वंचित करने की योजना का खाका तैयार किया गया व जिसकी प्रतिलिपि मंगलबार को राशन डिपू पर भी पहुंचा दी गई। इसी विषय पर जब पंचायत में तैनात सचिव एडी धीमान के साथ बात की, तो उन्होंने कहा उक्त व्यक्ति को 15 अगस्त, 2017 में ही बीपीएल से हटा दिया था। वहीं, अगर 2017 में उक्त व्यक्ति को बीपीएल से निकाल दिया गया था, तो वह अंत्योदय योजना के तहत कैसे पौने तीन वर्ष तक राशन लेता रहा।

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वहीं, जब राशन डिपू पर तैनात सेल्ज मैन एमएस के साथ बात की, तो उसने कहा गत महीने तक उक्त व्यक्ति अंत्योदय का राशन लेता रहा है। बताया आज ही मंगलबार को पंचायत में तैनात चौकीदार का पिता उसका नाम बीपीएल से काट कर एपीएल में दर्ज करने लिए पंचायत द्वारा 15 अगस्त, 2017 के डाले हुए प्रस्ताव की कॉपी दे गए हैं, लेकिन हैरानी इस बात की है कि जब पंचायत ने उक्त व्यक्ति को 15 अगस्त, 2017 को ही बीपीएल से बाहर कर दिया था, तो डिपू पर इसकी सूचना पौने तीन साल बाद क्यों दी।

इस पर जब खाद्य एवं आपूर्ति निरीक्षक फतेहपुर सुरेद्र राठौर से बात की, तो उन्होंने कहा अगर पंचायत की तरफ से आज जनिकी मंगलबार 19 मई, 2020 किसी व्यक्ति को बीपीएल से काट एपीएल में डालने का पिछली किसी तारीख के प्रस्ताव की कॉपी दे गए हैं, तो विभाग की तरफ से उसकी एपीएल में इंट्री आज के बाद की होगी।

वहीं, जिला पंचायत अधिकारी अश्बनी शर्मा से बात की, तो उन्होंने कहा अगर ऐसा है, तो इस पर जरूर कारवाई अमल में लाई जाएगी। कहा इसके लिए संबंधित पंचायत सचिव व प्रधान भी जिम्मेदार होंगे। बताया इसकी जांच के लिए संबंधित बीडीओ को निर्देश दिए जाएंगे। वहीं, बीडीओ फतेहपुर ज्ञान प्यारी से फोन पर बात करनी चाही, तो उन्होंने फोन नहीं रिसिव किया।