छोटे दुकानदारों के लिए आफत बन गया लॉकडाउन

छोटे कर्जे बने बड़ी मुसीबत, सरकारी राशन वितरण प्रणाली पर भी उठाई उंगली

पूजा शांडिल्य। ऊना

ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे मध्यम वर्ग के लोगों ने प्रदेश सरकार पर इस वर्ग के लोगों के साथ अन्याय करने के आरोप जड़े हैं। उनका कहना है कि सरकारी डिपो में मिलने वाले राशन को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है सरकार ने लॉक डाउन के चलते पहले तो लोगों को 2 महीने का राशन देने की बात कही थी, लेकिन जो राशन मध्यम वर्ग के लोगों को दिया जा रहा है, वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान लग रहा है। प्रति व्यक्ति 2 किलो आटा, आधा किलो चीनी, सरसों का तेल, नमक और मात्र एक किलो चने की दाल एक माह के राशन के रूप में मध्यम वर्ग के लोगों को देकर सरकार मजाक कर रही है। धर्मशाला महंता निवासी सुरेश कुमार, केशवानंद आदि ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को बताए कि मध्यम वर्ग के लोगों को यह राशन क्या पर्याप्त है।

गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र में या फिर बाजारों में बैठे छोटे छोटे दुकानदार जो पिछले 2 माह से घर में बैठे प्रदेश सरकार की मदद की राह देख रहे हैं क्या सरकार से लोगों को यही उम्मीद थी। कई मध्यमवर्गीय छोटे दुकानदारों ने बैंकों में लिमिट अकाउंट खुलवा कर हजारों रुपए कर्ज के रूप में लेकर छोटे-मोटे कारोबार सेट किए थे, ताकि अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े बड़े धार्मिक संस्थानों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में करोड़ों रुपए दान के रूप में दिए हैं, लेकिन चिंतपूर्णी व धार क्षेत्र के मध्यम वर्ग के लोगों को अब तक किसी प्रकार की राहत सरकार द्वारा नहीं मिल सकी है।

अकेले चिंतपूर्णी की बात करें तो धार्मिक स्थल में बैठे छोटे दुकानदार पिछले 2 माह से घरों में बैठे हुए तथा अधिकांश लोगों ने बैंक में से कर्ज के तौर पर लिमिटें बनवा कर अपने कारोबार चला रखे हैं, लेकिन तीर्थ स्थानों पर श्रद्धालुओं के न आने से यह लोग एक तरफ कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं, वहीं कोई कारोबार भी जीरो हो चुका है। जिस कारण वे और उनके परिवार अब मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं। लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है की जिन लोगों ने बैंकों से कर्ज लेकर अपने कारोबार चला रखे हैं। उनका कम से कम लॉक डॉउन चले रहने तक ब्याज माफ करवाया जाए। सिविल सप्लाई इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि डिपो में राशन सरकार के दिशा निर्देश अनुसार ही दिया जा रहा है उन्होंने माना कि इस बार एक ही प्रकार की दाल डिपुओं में दी गई है लेकिन डिपुओं में दालें शीघ्र ही उपलब्ध करवा दी जाएंगी।